उत्कृष्ट गैसों के क्रियाशील होने के दो कारण बताइए
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अक्रिय गैसों की प्राप्ति दुर्लभ होने के कारण उन्हें 'दुर्लभ गैस' भी कहा जाता है। अक्रिय गैस उन गैसों को कहते हैं, जो साधारणत: रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग नहीं लेतीं और सदा मुक्त अवस्था में प्राप्य हैं। इन गैसों में हीलियम, निऑन, आर्गान, जीनॉन और रडॉन सम्मिलित हैं। ये उत्कृष्ट गैसों[1] के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। समस्त अक्रिय गैसें रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन होती हैं। स्थिर दाब और स्थिर आयतन पर प्रत्येक गैस की विशिष्ट उष्माओं का अनुपात 1.67 के बराबर होता है, जिससे पता चलता है कि ये सब एक परमाणुक गैसें हैं।
अक्रिय गैसों की प्राप्ति दुर्लभ होने के कारण उन्हें 'दुर्लभ गैस' भी कहा जाता है। अक्रिय गैस उन गैसों को कहते हैं, जो साधारणत: रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग नहीं लेतीं और सदा मुक्त अवस्था में प्राप्य हैं। इन गैसों में हीलियम, निऑन, आर्गान, जीनॉन और रडॉन सम्मिलित हैं। ये उत्कृष्ट गैसों[1] के नाम से भी प्रसिद्ध हैं।