उत्प्रेक्षा अलंकार का उदाहरण स्पष्टीकरण के साथ लिखिए
Answers
Answer:
जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना की जाती हैं, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
यदि पंक्ति में -मनु, जनु, मेरे, जानते, मनहु, मानो, निश्चय, ईव आदि आता है, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। उदाहरण- जैसे- चित्रकूट जनु अचल अहेरी।।
लता भवन ते प्रगट भे, तेहि अवसर दोउ भाइ। निकसे जुग-जुग विमल विधु, जलद पटल विलगाइ।।
सोहत ओढ़े पीत पट, श्याम सलोने गात। मनहु नीलमणि शैल पर, आतप परयो प्रभात।।
सिर फट गया उसका, मानो अरुण रंग का घड़ा।
Answer:
जहाँ उपमय में उपमान की संभावना की जाती हैं, वहाँ उत्प्रक्षा अलंकार होता है। इस अलंकार में मानो, मनु, ज्यों आदि जैसे शब्दों का प्रयोग होता है। उदाहरण:-
सिर फट गया उसका वहीं मानो अरुण रंग का घड़ा
इस काव्य पंक्ति में कहा गया है कि एक व्यक्ति का सर खड़े - खड़े फट गया और इतना ख़ून बहा जैसे कोई लाल रंग का घड़ा फूट गया हो।
Hope it helps
Please mark my answer as BRAINLIEST