उत्परिवर्तन का सिद्धान्त किस वैज्ञानिक ने दिया ? |
(अ) लैमार्क
(ब) डार्विन
(स) ह्युगो डी ब्रीज
(द) मेण्डल
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Answer:
ह्युगो डी ब्रीज
Explanation:
प्रश्न के अनुसार
उत्परिवर्तन का सिद्धान्त ह्युगो डी ब्रीजने दिया
जब किसी जीन के डीऐनए में कोई स्थाई परिवर्तन होता है तो उसे उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) कहा जाता है। यह कोशिकाओं के विभाजन के समय किसी दोष के कारण पैदा हो सकता है या फिर पराबैंगनी विकिरण की वजह से या रासायनिक तत्व या वायरस से भी हो सकता है।
* डच वनस्पतिशास्त्री और आनुवंशिकीविद् ह्यूगो डी वीस द्वारा अपनी डाई मुटेशनशीटरी (1901–03; द म्यूटेशन थ्योरी) में 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में उन्नत, उत्परिवर्तन सिद्धांत विकासवादी विचार की दो प्रचलित विरोध परंपराओं में शामिल हो गया।
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उत्तर विकल्प (सी) है
Explanation:
- उत्परिवर्तन शब्द का उपयोग पहली बार ह्यूगो डे व्रीस (1901) द्वारा किया गया था, जिन्होंने इसे ओएनथेरा लैमार्क में देखा था।
- नीदरलैंड के ह्यूगो डे व्रिज (1848-1935) का जन्म 16 फरवरी, 1848 को हॉलैंड में हार्लेम में हुआ था।
- वह 1881 में एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय में प्लांट फिजियोलॉजी के प्रोफेसर थे।
- वनस्पति विज्ञानी और आनुवांशिक विज्ञानी जिन्होंने जैविक विकास के प्रायोगिक अध्ययन की शुरुआत की।
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