Hindi, asked by pgope170parmesh, 6 months ago

"उत्साह, अट नहीं रही है।" कविता के कवि का नाम क्या है?

Answers

Answered by AnshumanGartia
3

Answer:

कृपया गूगल में search karein

Answered by preetkour185
6

Answer:

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

उत्साह

बादल, गरजो!

घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!

ललित ललित, काले घुंघराले,

बाल कल्पना के से पाले,

विद्युत छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!

वज्र छिपा, नूतन कविता

फिर भर दो

बादल गरजो!

इस कविता में कवि ने बादल के बारे में लिखा है। कवि बादलों से गरजने का आह्वान करता है। कवि का कहना है कि बादलों की रचना में एक नवीनता है। काले-काले घुंघराले बादलों का अनगढ़ रूप ऐसे लगता है जैसे उनमें किसी बालक की कल्पना समाई हुई हो। उन्हीं बादलों से कवि कहता है कि वे पूरे आसमान को घेर कर घोर ढ़ंग से गर्जना करें। बादल के हृदय में किसी कवि की तरह असीम ऊर्जा भरी हुई है। इसलिए कवि बादलों से कहता है कि वे किसी नई कविता की रचना कर दें और उस रचना से सबको भर दें।

(सूर्यकांत त्रिपाठी निराला)कविता के कवि का नाम है.

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