उत्सर्ग की ऐसी भावना दुर्लभ है। - कथन में 'उत्सर्ग' का अर्थ क्या है तथा लेखक ने हिस्सेदार साहब के लिए ऐसा क्यों कहा ?
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नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
एक पुलिया के ऊपर पहुँचे ही थे कि एक टायर फिस्स करके बैठ गया। वह बहुत जोर से हिलकर थम गई। अगर स्पीड में होती तो उछलकर नाले में गिर जाती। मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा। वह टायरों की हालत जानते हैं फिर भी जान हथेली पर लेकर इसी बस से सफर कर रहे हैं। उत्सर्ग की ऐसी भावना दुर्लभ है। सोचा, इस आदमी के साहस और बलिदान भावना का सही उपयोग नहीं हो रहा है। इसे तो किसी क्रांतिकारी आंदोलन का नेता होना चाहिए। अगर बस नाले में गिर पड़ती और हम सब मर जाते तो देवता बाँहे पसारे उसका इंतजार करते। कहते- “वह महान आदमी आ रहा है जिसने एक टायर के लिए प्राण दे दिए। मर गया, पर टायर नहीं बदला।”
‘उत्सर्ग की भावना दुर्लभ है’ इन शब्दों का क्या अर्थ है?
निरंतर आगे बढ़ने की चाह
मुश्किल से उद्देश्य पाना
कंपनी का बस के प्रति मोह न त्यागना और उस निरंतर चलाना
लोगों के प्रति सचेत न होना।
C. कंपनी का बस के प्रति मोह न त्यागना और उस निरंतर चलाना