Geography, asked by uunangia3944, 1 year ago

उत्तर-पश्चिम भारत के खाद्यान्न प्रदेश का एक संतुलित एवं संदर्भ अध्ययन प्रस्तुत करें।

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Answered by katarijansi
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Explanation:

किसी भी क्षेत्र की कृषि जटिलताओं को समझने के लिये उस क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली समस्त फसलों का एक साथ अध्ययन आवश्यक होता है। इस अध्ययन से कृषि क्षेत्रीय विशेषतायें स्पष्ट होती हैं। सस्य संयोजन अध्ययन के अध्यापन के अभाव में कृषि की क्षेत्रीय विशेषताओं का उपयुक्त ज्ञान नहीं होता है। फसल संयोजन स्वरूप वास्तव में अकस्मात नहीं होता है अपितु वहाँ के भौतिक (जलवायु, धरातल, अपवाह तथा मिट्टी) तथा सांस्कृतिक (आर्थिक, सामाजिक तथा संस्थागत) पर्यावरण की देन है। इस प्रकार का अध्ययन मानव तथा भौतिक पर्यावरण के सम्बंधों को प्रदर्शित करता है। मानव तथा भौतिक पर्यावरण के पारस्परिक सम्बंधों द्वारा ही संस्कृति का विकास होता है। अत: सस्य संयोजन के परिसीमन से क्षेत्रीय कृषि विशेषताओं एवं भौतिक तथा सांस्कृतिक वातावरण का कृषि पर प्रभाव दृष्टिगोचर होता है जिससे वर्तमान कृषि समस्याओं को भली-भाँति समझ कर समायोजन योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जा सकता है

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