उत्तर दीजिए।
क. सुखिया को अपना घर छोटा क्यों लगने लगा था?
ख. मुखिया ने ज़मीन का क्या भाव बताया?
ग. ज़मीन देने के संबंध में मुखिया ने क्या शर्त रखी?
घ. सुखिया की खुशी का क्या कारण था?
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एक फूल की चाह
सियारामशरण गुप्त
पापी ने मंदिर में घुसकर
किया अनर्थ बड़ा भारी;
कलुषित कर दी है मंदिर की
चिरकालिक शुचिता सारी।“
ऐं, क्या मेरा कलुष बड़ा है
देवी की गरिमा से भी;
किसी बात में हूँ मैं आगे
माता की महिमा के भी?
किसी ने कहा कि उस पापी ने मंदिर में घुसकर बड़ा भारी अनर्थ कर दिया और मंदिर को अशुद्ध कर दिया। सुखिया के पिता ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता था कि माता की महिमा के आगे उसकी कलुषता अधिक भारी हो।
माँ के भक्त हुए तुम कैसे,
करके यह विचार खोटा?
माँ के सम्मुख ही माँ का तुम
गौरव करते हो छोटा।
कुछ न सुना भक्तों ने, झट से
मुझे घेरकर पकड़ लिया;
मार मारकर
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णदभरलभलणगछभवठृर्ग छृ उस घर एवं घर
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