उत्तर दीजिए (लगभग 100 से 150 शब्दो में)
1. आरंभिक ऐतिहासिक नगरों में शिल्पकला के उत्पादन के प्रमाणों की
चर्चा कीजिए। हड़प्पा के नगरों के प्रमाण से ये प्रमाण कितने
भिन्न हैं?
2. महाजनपदों के विशिष्ट अभिलक्षणों का वर्णन कीजिए।
3. सामान्य लोगों के जीवन का पुनर्निर्माण इतिहासकार कैसे करते हैं?
4. पांड्य सरदार (स्रोत 3) को दी जाने वाली वस्तुओं की तुलना दंगुन
गाँव (सोत 8) की वस्तुओं से कीजिए। आपको क्या समानताएँ और
असमानताएँ दिखाई देती हैं?
अभिलेखशास्त्रियों की कुछ समस्याओं की सूची बनाइए।
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भारतीय इतिहास के कुछ विषय
प्रश्न 2-1. आरंभिक ऐतिहासिक नगरों में शिल्पकला के उत्पादन की चर्चा कीजिए। हडप्पा के नगरों की तुलना में यह कितना भिन्न है।
उत्तर: आरंभिक एतिहासिक शहरों में हमें अनेक स्थानों पर शिल्प उत्पादन के प्रमाण मिले है-
1. लोग उत्कृष्ट श्रेणी के कटोरे और थालियाँ बनाते थे जिन पर चिकनी कलई चड़ी होती थी । इन्हें उत्तरी अश्वेत पोलिश भांड (N.B.P.W) मृत्भांड से जाना जाता है ।
2. मृतभांड के साथ साथ यहाँ और भी कई चीजें बनाई जाती थी। जैसे गहने, उपकरण हथियार, बर्तन और सोना-चाँदी, कांस्य, ताँबे, हाथी दांत और शुद्ध और पक्की मिट्टियों की मूर्तियाँ भी बनाई जाती थी।
3. अनेक बार शिल्पकार और उत्पादन अपनी श्रेणियाँ बनाते थे जो की शिल्पकारों के लिए पहेले तो कच्चे माल को खरीदती थी फिर उनके के जरिये तयार किय गये मालों को बाजार में बेचती थी । शिल्पकार नगरों में रहने वाले लोगों के बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिय अलग अलग उपकरणों का इस्तमाल करते थे ।
हडप्पा के नगरों तथा आरंभिक एतिहासिक नगरों में विभिन्नताएं।
1. हडप्पा के शहर कई मामलों में इन शहरों से भिन्न है ।
2. हडप्पा के लोग इन प्रारंभिक लोगों के सामान लोहे का प्रयोग नही जानते थे हम यह कह सकते की हडप्पा के लोगों की तुलना में प्रांभिक शहरों के लोग बड़ी मात्रा में लोहे के ओजार, उपकरण और वस्तुएँ बनाते थे ।
प्रश्न 2-2. महाजनपद की प्रमुखताओं का चित्रण कीजिए ।
उत्तर: महाजनपद की प्रमुखताएँ :-
1. महाजनपद की संख्या 16 थीं जिनमें से लगभग 12 राजतंत्रीय राज्य और 4 गणतंत्रीय राज्य थे ।
2. महाजनपद को प्राय: लोहे के बढ़ते प्रयोग और सिक्कों के विकास के साथ जोड़ा जाता है ।
3. ज्यादातर महाजनपदों पर राजा का शासन होता था लेकिन गण और संघ के नाम से प्रसिद्ध राज्यों में अनेक लोगों का समूह शासन करता था, इस तरह का प्रत्येक व्यक्ति राजा कहलाता था ।
4. गणराज्यों में भूमि सहित अनेक आर्थिक स्रोतों पर गण के राजा सामूहिक नियंत्रण रखते थे ।
5. प्रत्येक महाजनपद एक राजधानी होती थी जिन्हें प्राय: किले से घेरा जाता था । किले बंद राजधानियों के रख-रखाव और प्रांभिक सेनाओं और नौकरशाही के लिए आर्थिक स्रोत की जरूरत होती थी ।
6. शासकों का काम किसानों, व्यापारियों और शिल्पकारों से कर तथा भेंट वसूलना माना जाता था और सम्पत्ति जुटाने का एक वैध उपाय पड़ोसी राज्यों पर आक्रमण करके धन इकट्ठा करना भी माना जाता था ।