Political Science, asked by ks638474, 1 month ago

उत्तर-व्यवहारवाद की उत्पत्ति के क्या कारण थे?

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Answered by kummarig007
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उत्तर-व्यवहारवाद का अर्थ

डेविड ईस्टन ने उत्तर-व्यवहारवाद को परिभािष्ता करते हुए कहा है कि ‘‘यह एक वास्तविक क्रान्ति है, न कि प्रतिक्रिया, विकास है, न कि अनुरक्षण, आगे की दिशा में एक कदम है न कि पीछे हटने की प्रवृत्ति। यह आन्दोलन भी है और एक बौद्धिक प्रवृत्ति भी।’’ उसने आगे कहा है-’’उत्तर व्यवहारवादी क्रान्ति न तो राजनीति शोद्य को किसी स्वर्ण युग की ओर लौटने का प्रयास है और न ही इसका मन्तव्य किसी पद्धतिय दृष्टिकोण विशेष का विनाश करना है। यह एक ऐसा सकारात्मक आन्दोलन है जो प्रति सुधारों की अपेक्षा सुधारों पर जोर देता है। इससे स्पष्ट है कि उत्तर-व्यवहारवाद एक ऐसा आन्दोलन है जो व्यक्ति समूह और बौद्धिक प्रवृत्ति दोनों का प्रतिनिधित्व करता है। इसका लक्ष्य परम्परावादी या व्यवहारवादी किसी भी दृष्टिकोण का खण्डन करना नहीं है। यह तो केवल समकालीन राजनीतिक अनुसंधान के प्रति असन्तोष की भावना व्यक्त करता है। यह किसी विशेष विचारधारा का प्रतिनिधि नहीं है। इसमें विभिन्न प्रकार की विचारधाराओं को मानने वाले युवा व वृद्ध दोनों प्रकार के राजनीतिक विद्वान शामिल हैं। यह भविष्योन्मुख है जो राजनीतिक विज्ञान की नई दिशा में ले जाने तथा उसको यथार्थवादी बनाने के लिए आतुर है। यह व्यवहारवाद के विरूद्ध कोई प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि राजनीतिक विज्ञान का विकास करने वाली एक वास्तविक क्रान्ति है, जिसके प्रणेता डेविड ईस्टन है।

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