उत्तर व्यवहारवादी उपागम में मूल्यों की क्या भूमिका है?
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उत्तर व्यवहारवादी उपागम में मूल्यों की क्या भूमिका है?
उत्तर व्यवहारवादी उपागम के अनुसार, मानव समाज के लिए केवल उसी ज्ञान का महत्व है जो मूल्यों पर आधारित है।
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« व्यवहारवादी विचारधारा संगठन में प्रशासनिक व्यवहार के वास्तविक अध्ययन से संबंधित है । जिस प्रकार मानव संबंध उपागम सांगठनिक मानव का अध्ययन सामाजिक मानव के रूप में करता है, उसी प्रकार व्यवहारवाद सांगठनिक व्यवहार को सामाजिक व्यवहार के रूप में विश्लेषित करता है । संगठन का व्यवहारवादी अध्ययन अनुभव आधारित, वैज्ञानिक और वास्तविक है । शास्त्रीय विचारधारा के समान व्यवहारवाद भी प्रशासन के औपचारिक सिद्वांतों के विकास का पक्षधर है, जिससे कि वह विज्ञान बन सके। लेकिन इन सिद्धांतों का निर्माण किस प्रकार के अध्ययन से हो इसमें वह शास्त्रीय विचारकों से भिन्न है । शास्त्रीय विचारधारा का संबंध मनुष्यों के पारस्परिक औपचारिक संबंधों से है जबकि मानव संबंध विचारधारा का अनौपचारिक सामाजिक संबधों से । वही व्यवहारवाद का संबंध मनुष्य के आतरिक मूल्यों से है ।