Hindi, asked by niti123rani, 3 months ago

उठ किसान ओ, उठ किसान ओ
बादल घिर आए हैं
तेरे हरे-भरे सावन के
साथी ये आए हैं।
आसमान भर गया देख तो
इधर देख तो, उधर देख तो
नाच रहे हैं उमड़-घुमड़कर
काले बादल तनिक देख तो
तेरे प्राणों में भरने को
नए राग लाए
हैं।
यह संदेशा लेकर आई
सरस मधुर, शीतल पुरवाई
तेरे लिए, अकेले तेरे
लिए, कहाँ से चलकर आ,
फिर वे परदेसी पाहुन,
सुन, तेरे घर आए हैं।​

Answers

Answered by goriyash7777
1

Answer:

उठ किसान ओ, उठ किसान ओ

बादल घिर आए हैं

तेरे हरे-भरे सावन के

साथी ये आए हैं।

आसमान भर गया देख तो

इधर देख तो, उधर देख तो

नाच रहे हैं उमड़-घुमड़कर

काले बादल तनिक देख तो

तेरे प्राणों में भरने को

नए राग लाए

हैं।

यह संदेशा लेकर आई

सरस मधुर, शीतल पुरवाई

तेरे लिए, अकेले तेरे

लिए, कहाँ से चलकर आ,

फिर वे परदेसी पाहुन,

सुन, तेरे घर आए हैं।

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