उधौ मन मोहन न आबे निठुर भए सरसावे हम म्वाँ जोग, भोग कुब्जा खाँ ना नई राम चलाले जबसे गए खबर न भेजी नहीं संदेश पठावें आपुन जाय दारका छाए कुब्जा कंठ न लगावें
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उधौ मन मोहन न आबे निठुर भए सरसावे हम म्वाँ जोग, भोग कुब्जा खाँ ना नई राम चलाले जबसे गए खबर न भेजी नहीं संदेश पठावें आपुन जाय दारका छाए कुब्जा कंठ न लगावें
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sorry I don't know Hindi
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