उधमिता में केंद्र स्तरिय प्रत्सहन संबंधी सेवाओं की भूमिका बताइए
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Explanation:
उद्यमशीलता और उद्यम की भूमिका का आर्थिक व सामाजिक विकास में अक्सर गलत अनुमान लगाया जाता है। सालों से यह स्पष्ट हो चुका है कि उद्यमशीलता लगातार आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करती है। एक सोच को आर्थिक रूप में बदलना उद्यमशीलता के अंतर्गत सबसे महत्वपूर्ण विचारशील बिन्दु हैं। इतिहास साक्षी है कि आर्थिक उन्नति उन लोगों के द्वारा सम्भव व विकसित हो पाई है जो उद्यमी हैं व नई पद्धति को अपनाने वाले हैं, जो सुअवसर का लाभ उठाने वाला तथा जोखिम उठाने के लिए तैयार है। जो जोखिम उठाने वाले होते हैं तथा ऐसे सुअवसर का पीछा करते हैं जो कि दूसरों के द्वारा मुश्किल या भय के कारण न पहचाना गया हो। उद्यमशीलता की चाहे जो भी परिभाषा हो यह काफी हद तक बदलाव, सृजनात्मक, निपुणता, परिवर्तन और लोचशील तथ्यों से जुड़ी हैं जो कि संसार में बढ़ती हुई एक नई अर्थव्यवस्था के लिए प्रतियोगिता के मुख्य स्रोत हैं।
यद्यपि उद्यमशीलता का पूर्वानुमान लगाने का अर्थ है व्यवसाय की प्रतियोगिता को बढ़ावा देना। उद्यमशीलता का महत्व निम्न बिन्दुओं से समझा जा सकता है :
लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना : अक्सर लोगों का यह मत है कि जिन्हें कहीं रोजगार नहीं मिलता वे उद्यमशीलता की ओर जाते है, लेकिन सच्चाई यह है कि आजकल अधिकतर व्यवसाय उन्हीं के द्वारा स्थापित किए जाते हैं, जिनके पास दूसरे विकल्प भी उपलब्ध हैं।
अनुसंधन और विकास प्रणाली में योगदान :लगभग दो तिहाई नवीन खोज उद्यमी के कारण होती है। अविष्कारों का तेजी से विकास न हुआ होता तो संसार रहने के लिए शुष्क स्थान के समान होता। अविष्कार बेहतर तकनीक के द्वारा कार्य करने का आसान तरीका प्रदान करते हैं।
राष्ट्र व व्यक्ति विशेष के लिए धन-सम्पत्ति का निर्माण करना : सभी व्यक्ति जो कि व्यवसाय के सुअवसर की तलाश में है, उद्यमशीलता में प्रवेश करके संपत्ति का निर्माण करते हैं। उनके द्वारा निर्मित संपत्ति राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका अदा करती है। एक उद्यमी वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करके अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देता है। उनके विचार, कल्पना और अविष्कार राष्ट्र के लिए एक बड़ी सहायता है।