Uttar Pradesh main Lokgeet kis bhasha main gai jate hain
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★ANSWER★
उत्तर प्रदेश के लोकगीत (लोक संगीत)
उत्तर प्रदेश के लोकगीत (लोक संगीत)सोहर इस लोकगीत में जीवन चक्र के प्रदर्शन संदर्भित किया जाता है इसलिए इसे बच्चे के जन्म की ख़ुशी में गया जाता है।
उत्तर प्रदेश के लोकगीत (लोक संगीत)सोहर इस लोकगीत में जीवन चक्र के प्रदर्शन संदर्भित किया जाता है इसलिए इसे बच्चे के जन्म की ख़ुशी में गया जाता है।कहारवा यह विवाह समारोह के समय कहर जाति द्वारा गाया जाता है।
उत्तर प्रदेश के लोकगीत (लोक संगीत)सोहर इस लोकगीत में जीवन चक्र के प्रदर्शन संदर्भित किया जाता है इसलिए इसे बच्चे के जन्म की ख़ुशी में गया जाता है।कहारवा यह विवाह समारोह के समय कहर जाति द्वारा गाया जाता है।चानाय्नी एक प्रकार का नृत्य संगीत।
उत्तर प्रदेश के लोकगीत (लोक संगीत)सोहर इस लोकगीत में जीवन चक्र के प्रदर्शन संदर्भित किया जाता है इसलिए इसे बच्चे के जन्म की ख़ुशी में गया जाता है।कहारवा यह विवाह समारोह के समय कहर जाति द्वारा गाया जाता है।चानाय्नी एक प्रकार का नृत्य संगीत।नौका झक्कड़ ...
उत्तर प्रदेश के लोकगीत (लोक संगीत)सोहर इस लोकगीत में जीवन चक्र के प्रदर्शन संदर्भित किया जाता है इसलिए इसे बच्चे के जन्म की ख़ुशी में गया जाता है।कहारवा यह विवाह समारोह के समय कहर जाति द्वारा गाया जाता है।चानाय्नी एक प्रकार का नृत्य संगीत।नौका झक्कड़ ...बनजारा और न्जावा ...
उत्तर प्रदेश के लोकगीत (लोक संगीत)सोहर इस लोकगीत में जीवन चक्र के प्रदर्शन संदर्भित किया जाता है इसलिए इसे बच्चे के जन्म की ख़ुशी में गया जाता है।कहारवा यह विवाह समारोह के समय कहर जाति द्वारा गाया जाता है।चानाय्नी एक प्रकार का नृत्य संगीत।नौका झक्कड़ ...बनजारा और न्जावा ...कजली या कजरी ...
उत्तर प्रदेश के लोकगीत (लोक संगीत)सोहर इस लोकगीत में जीवन चक्र के प्रदर्शन संदर्भित किया जाता है इसलिए इसे बच्चे के जन्म की ख़ुशी में गया जाता है।कहारवा यह विवाह समारोह के समय कहर जाति द्वारा गाया जाता है।चानाय्नी एक प्रकार का नृत्य संगीत।नौका झक्कड़ ...बनजारा और न्जावा ...कजली या कजरी ...जरेवा और सदावजरा सारंगा
Answer:
कजली या कजरी
Explanation:
यह शास्त्रीय गायन के रुप मे भी विकशित है और इसकी गायन शैली बनारस घराना से मिलती है