ऊर्जा के कानून संरक्षण का वर्णन करें ?
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किसी अयुक्त निकाय (isolated system) की कुल उर्जा समय के साथ नियत रहती है। अर्थात उर्जा का न तो निर्माण सम्भव है न ही विनाश; केवल इसका रूप बदला जा सकता है। उदाहरण के लिये गतिज उर्जा, स्थितिज उर्जा में बदल सकती है; विद्युत उर्जा, ऊष्मा ऊर्जा बदल सकती है; यांत्रिक कार्य से उष्मा उत्पन्न हो सकती है।
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किसी अयुक्त निकाय (isolated system) की कुल उर्जा समय के साथ नियत रहती है। ... अर्थात उर्जा का न तो निर्माण सम्भव है न ही विनाश; केवल इसका रूप बदला जा सकता है। उदाहरण के लिये गतिज उर्जा, स्थितिज उर्जा में बदल सकती है; विद्युत उर्जा, ऊष्मा ऊर्जा बदल सकती है; यांत्रिक कार्य से उष्मा उत्पन्न हो सकती है।
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