Hindi, asked by maryamahmed, 11 months ago

ऊधौ जू सूधो गहो वह मारग, ज्ञान की तेरे जहाँ गुदरी है।
कोऊ नहीं सिख मानिहै हयाँ, इक स्याम की प्रति प्रतीति खरी है।।
ये ब्रजबाला सबै इक सी, हरिश्चन्द जू मंडली ही बिगरी है।
एक जौ होय तो ज्ञान सिखाइए, कूपहिं में यहाँ भाँग परी है ।।५।।​

Answers

Answered by super15
1

Answer:

This is a type of Poetry..

Answered by neerajjangid17
0

Answer:

THIS IS A POEM

PLZZ MARK AS BRAINLIEST

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