Hindi, asked by rajswag000, 7 months ago

व अपाहिज से मनमाना व्यवहार करवाना चाहते हैं, जिसमें वे अभी तक
पाहज का रोती मुद्रा में दिखाकर अपने कार्यक्रम
(ग)
काव्य-सौंदर्य बोध संबंधी प्रश्न
-
1.
उससे पूछेगे तो आप क्या अपाहिज हैं?
तो आप क्यों अपाहिज हैं?
(कैमरा दिखाओ इसे बड़ा-बड़ा)
हाँ तो बताइए आपका दुख क्या है
जल्दी बताइए वह दुख बताइए
बता नहीं पाएगा।
देता है?
के लिए अपाहिज से ऊट-पटांग सवाल करके उसकी भावनाओं से खेलते हैं। वे उसके दुख को कुरेदना चाहते
अपाहिज चुप रहता है। वह अपना मज़ाक नहीं उड़वाना चाहता।
सफल नहीं हो पाए हैं।
कार्यक्रम-संचालक अपाहिज व दर्शकों-दोनों को एक साथ रुलाना चाहता था। ऐसा करने से उसके कार्यक्रम का
संचालक कार्यक्रम खत्म होने पर मुस्कराता है। उसे अपने कार्यक्रम के सफल होने की खुशी है। उसे अपाहिज की
पीड़ा से कुछ लेना-देना नहीं। इस मुस्कराहट में मीडिया की संवेदनहीनता छिपी है। इसमें पीड़ित के प्रति सहानुभूति
(क) काव्यांश का भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
(ख) शिल्प-सौंदर्य बताइए।
(ग) काव्यांश में निहित अलंकार योजना को स्पष्ट कीजिए।
(क) इस काव्यांश में कवि ने मीडिया की हृदयहीन कार्यशैली पर व्यंग्य किया है। संचालक अपने कार्यक्रम को प्रभाव
नहीं, बल्कि अपने व्यापार की सफलता छिपी है।
नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
आपका अपाहिजपन तो दुख देता होगा​

Answers

Answered by gurmejs969
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Answer:

इस कावयांश में कवि ने मीडिया की हृदयहीन कारयशैली पर व्यंग किया है।

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