Hindi, asked by madhukarkambale1, 1 day ago

विभाग - 2 पद्य ( अंक 12) पद्यांश पढकर सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए। वह सारे उधडे-उधड़े हैं, कोई सफा पलटता तो इक सिसकी निकलती है, कई लफ्जों के मानी गिर पडें हैं बिना पत्तों के सूखे-टुंड लगते हैं वो सब अल्फाज, जिन पर अब कोई मानी नहीं उगते .... जुबां पर जो जायका आता था जो सफा पलटने का अब उँगली 'क्लिक' करने से बस झपकी गुजरती है भावार्थ लीखिये​

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Answered by brainlysrijanuknown2
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ज़ुबान पर ज़ाएका आता था जो सफ़हे पलटने का

अब उँगली ‘क्लिक’ करने से बस इक

झपकी गुज़रती है

बहुत कुछ तह-ब-तह खुलता चला जाता है परदे पर

किताबों से जो जाती राब्ता था, कट गया है

कभी सीने पे रख के लेट जाते थे

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