Hindi, asked by Ayushpratapsingh2210, 1 year ago

वीभत्स रस की परिभाषा और उदहरण

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Answered by Nandinikaushik
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जब रक्त,मांस , मज्जा आदि घेर्णित वस्तुएँ तथा नेतिक पतन, आदि देखने में आएँ तब मन में जो ग्लानि पैदा होती है, वही वीभत्स रस का रूप ग्रहण कर लेती है। इसका स्थायी भाव जुगुप्सा होता है।
उदाहरण:-
"सिर पर बैठ्यो काग, आँख दोउ खात निकारत,
खींचत जीभहि स्यार, अतिही आनंद उर धारत,
गिद्ध जांध को खोद- खोद के मांस उकारत,
स्वान अंगुरिन काट-काट के खात विदारत।"

Nandinikaushik: thnx
Ayushpratapsingh2210: welcm
Answered by pinki34
11
जिस रस को पढ़कर हमे घृणा महसूस हो उसे वीभत्स रस कहते है
सिर पर बेठियो काग आख देऊ खात निकारत
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