व्हाट वास द इंपैक्ट ऑन
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चम्पारण प्रकरण के माध्यम से गाँधी जी ने अंग्रेजों को दिखा दिया कि अंग्रेज भारतीयों को उनके अपने देश के मामलों में आदेश नहीं दे सकते हैं। किसानों को एकता की शक्ति का पता चला। उन्होंने गाँधी जी के साथ सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लिया। अब तक जमींदारों ने ऐसा व्यवहार किया था मानो वे कानून से ऊपर भगवान हों परन्तु अब किसानों ने देखा कि उनके भी अधिकार हैं और अधिकारों के रक्षक भी। उन्होंने साहस करना सीखा। अंग्रेज सरकार को महसूस हो गया कि भारतीय अब शोषण व अन्याय के समक्ष नहीं झुकेंगे। चम्पारण प्रकरण के बाद कुछ ही वर्षों के भीतर अंग्रेज जमींदारों ने अपनी जागीरें छोड़ दीं। ये जागीरें किसानों को लौटा दी गईं। नील की बँटाईदारी समाप्त हो गई। इस प्रकार चम्पारण प्रकरण भारत में एक सकारात्मक परिवर्तन लाया।Read more on Sarthaks.com - https://www.sarthaks.com/725084/what-was-the-impact-of-le-champaran-episode-on-the-peasants-and-the-british-government?show=725087#a725087
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