वैज्ञानिक कार्य अध्ययन अच्छाकी निम्न तकनीकों का वर्णन कीजिए-
(क) समय अध्ययन
(ख) गति अध्ययन
(ग) थकान अध्ययन
(घ) कार्यपद्धती अध्ययन
(ङ) कार्य की सरलीकरण एवं प्रमापीकरण
Answers
"(क) समय अध्ययन—
किसी कार्य को पूर्ण करने में लगे समय तथा उसका समय समय पर रिकॉर्ड रखना ही ‘समय अध्ययन’ कहलाता है ।
(ख) गति अध्ययन— किसी भी कार्य को करते समय किसी भी श्रमिक के शरीर में जितनी अधिक गति होगी उसे कार्य करने में उतना ही अधिक समय लगेगा । साथ ही श्रमिक को थकान का अनुभव भी अधिक होगा । वैज्ञानिक तौर पर यदि अनावश्यक गति को समाप्त करके किसी कार्य को उचित समाया पर बिना किसी थकान के पूरा किया जा सकता है | ।इसके लिये ही गति अध्ययन आवश्यक है ।
(ग) थकान अध्ययन—
कार्य करने में माँसपेशियों पर जोर पड़ने से थकान का अनुभव होता है । टेलर ने अध्ययन करके यह पता लगाने का प्रयास किया कि किस विधि से ऐसा सम्भव है कि श्रमिक को थकान कम-से-कम हो तथा उत्पादन अधिकतम किया जा सके |वैज्ञानिक प्रबन्ध इस बात पर बल देता है कि श्रमिक पर कार्य भार केवल इतना ही हो कि उसे थकान का अनुभव न हो ।
(घ) कार्यपद्धती अध्ययन—
प्रबंधक को यह देखना किये की किस पद्दति का प्रयोग करने से हम कार्य को करवाने में आसानी से सफल हो जाएंगे | प्रबंधक को उसी पद्दति का चुनाव करना चाहिये जिसमे कम से कम प्रयासों द्वारा कार्य पूर्ण हो जाए|
(ङ) कार्य की सरलीकरण एवं प्रमापीकरण—
प्रमापीकरण से अभिप्राय प्रत्येक व्यावसायिक क्रिया के लिए मानक निर्धारण प्रक्रिया से है। सरलीकरण का उद्देश्य व्यर्थ किस्मों, आकार एवं आयामों को समाप्त करना होता है| टेलर प्रमापीकरण का जबरदस्त पक्षधर था | उसके अनुसार अगूंठा टेक नियम के अंतर्गत उत्पादन पद्धतियों के विश्लेषण के लिए वैज्ञानिक पद्धति को अपनाना चाहिए। सर्वश्रेष्ठ प्रणाली को प्रमाप के विकास के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है तथा उसमें और सुधार किया जा सकता है जिसे पूरे संगठन में उपयोग में लाया जाना चाहिए।
मापीकरण के उद्देश्य इस प्रकार हैं-
(क) किसी एक वर्ग अथवा उत्पाद को स्थायी प्रकार, आकार एवं विशेषताओं में सीमित कर देना।
(ख) विनिर्मित भाग एवं उत्पादों को परस्पर बदल लेने की योग्यता स्थापित करना।
(ग) माल की श्रेष्ठता एवं गुणवत्ता को स्थापित करना।
(घ) व्यक्ति एवं मशीन के निष्पादन के मानक निर्धारित करना।
"