विज्ञापनों की दुनिया पर एक अनुच्छेद 150-200 शब्द तक
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हम जिस युग में जी रहे है, उसमे विज्ञापन की बेहद अहमियत है। आम आदमी अगर किसी भी वस्तु को खरीदने से पूर्व, उनके विज्ञापन देखते है। विज्ञापन अक्सर हमे टीवी, अखबार, रेडियो इत्यादि पर देखने को मिल जाता है। विज्ञापन का तात्पर्य है, किसी भी सामग्री उत्पाद, और सेवाओं को ग्राहकों तक पहुंचाना। विज्ञापन किसी भी साधारण वस्तु का इतना अच्छा प्रसार करती है, कि दर्शक उससे सम्मोहित हो जाते है। अगले ही दिन उस वस्तु को मार्किट से खरीद लेते है। किसी भी व्यापार को उंचाईयों तक पहुंचाने में विज्ञापन का बहुत बड़ा हाथ होता है। आये दिन टीवी, रेडियो और सड़को के दीवारों में कपड़ो से लेकर घर बनाने के सीमेंट तक हर प्रकार के विज्ञापन हमे देखने को मिलते है।
हम जहां भी जाए हमे विज्ञापन देखने को मिलते है। जैसे ही घर से बाहर कदम बढ़ाया, दीवारों, बसों के पीछे और मोबाइल में भी, हर तरफ विज्ञापनों ने हमे घेर रखा है। सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, इंटरनेट के विभिन्न ब्लोग्स इत्यादि पर विज्ञापन के वीडियो छाए रहते है। आकर्षक तरीके से, लोगो की मांग को ध्यान में रखकर विज्ञापनों को बनाया जाता है। विभिन्न प्रकार के विज्ञापन में आकर्षक और तुकबंदी वाले पंक्तियों का इस्तेमाल किया जाता है ताकि ग्राहक जल्द उनसे प्रभावित हो जाए।
विज्ञापन को उर्दू में इशतहार कहा जाता है। अगर हमे नौकरी चाहिए, तो अखबारों और इंटरनेट पर नौकरी करने के लिए तरह तरह के ऐड(विज्ञापन) दिए जाते है। उन विज्ञापनों को देखकर व्यक्ति विज्ञापन पर दिए पते पर पहुंचकर, नौकरी पाने के लिए इंटरव्यू देता है। स्कूल के अगले साल के एडमिशन की खबर विज्ञापन के पोस्टर के ज़रिये जगह जगह लग जाते है। विज्ञापनों ने आम लोगो से लेकर उच्च वर्ग के लोगो को घेर लिया है। हर छोटी बड़ी सुविधाओं को लोगो तक पहुंचाने के लिए विज्ञापन कंपनियां प्रस्तुत करती है। विज्ञापन के बिना जीवन अधूरा है।
विज्ञापन का हमारे दिल और दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। हम दरअसल बाजार से उन वस्तुओं को अधिक खरीदते है, जिनके विज्ञापन हम टीवी या रेडियो पर देखते है। नामचीन कंपनियां प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करती है और उनके सेल को दूर दूर तक पहुंचाती है। ग्राहकों का ध्यान अनोखे और आकर्षित विज्ञापनों द्वारा खींचे जाते है। जिसका असर भी होता है, ग्राहक उन उत्पादों का उपयोग करते है। दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले सारे उत्पाद हम विज्ञापनों से प्रभावित होकर खरीदते है। बड़े बड़े एक्टर विज्ञापन करके करोड़ो रूपए कमाते है।
आजकल के लोग विज्ञापनों पर जल्द भरोसा कर लेते है। सुबह उठकर जिस टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते है, वह भी किसी कंपनी का होता है। आज प्रतिस्पर्धा की दुनिया में सभी कंपनी को सफलता चाहिए। इसलिए आए दिन कंपनी अपने प्रोडक्ट्स के जोरदार प्रचार के लिए विज्ञापन का सहारा है। ग्राहक उन्ही उत्पादों को ज़्यादा खरीदता है, जिसका ज़्यादा प्रचार -प्रसार बड़े पैमाने पर किया जाता है। विज्ञापन का इस्तेमाल उद्योग जगत के लोग, लोकप्रिय कंपनी और राजनीति से जुड़े पार्टी अपने प्रचार प्रसार के लिए करते है। इसका सिर्फ यही कारण है, इसके ज़रिये करोड़ो लोगो तक कम वक़्त में पहुंचा जा सकता है।
यदि हमे मोबाइल की ज़रूरत है, तो मोबिल संबंधित विज्ञापन देखने को मिल जाएंगे। विभिन्न विज्ञापनों को देखकर हम सोच समझकर अपने सामर्थ्य के अनुसार मोबाइल खरीद सकते है। विज्ञापन लोगो को हर प्रकार की चीज़ों को परखने का मौका देता है। विज्ञापन में उत्पादों की क्वालिटी और विशेषताओं के बारें में हमे बताया जाता है। आज डिजिटल साधनो के माध्यम से लोग विज्ञापन करके, अपने उत्पादों को प्रमोट कर रहे है। आज डिजिटल मार्केटिंग भी एक बेहतरीन जरिया जिसका उपयोग करके सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम पर बिजनेसमैन विज्ञापन देते है।
विभिन्न तरह के विज्ञापन होते है जैसे होर्डिंग, बिल बोर्ड, पत्रिकाएं इत्यादि। विज्ञापन के माध्यम से बड़ी कंपनी करोड़ो रूपए का व्यवसाय कर रहे है। आजकल हम विभिन्न ब्रांड के बारें में बात करते है। ब्रांड के बारें में हमे इन विज्ञापनों से पता चलता है। सवेरे जैसी ही हम अखबार पढ़ते है , तो पहले पन्ने से ही इश्तेहार का सिलसिला शुरू हो जाता है। साबुन , डिटर्जेंट , घड़ी , फ्रीज़ , टीवी सभी के विज्ञापन अखबारों और टीवी पर देखते है। विज्ञापनों में त्यौहार के समय उत्पादों पर कितने प्रतिशत की छूट दी जा रही है , उनका पता भी हमे चल जाता है।
हम जब भी बाजार जाते है ,तो शॉपिंग मॉल और दुकानों और नगरों के चौक पर में हमे बालों के तेल से लेकर गाड़ी तक के विज्ञापन के पोस्टर और बड़े बड़े बोर्ड नज़र आते है। विज्ञापन का क्षेत्र बहुत विस्तृत हो चुका है। लोकप्रिय ब्रांड्स और कंपनियां सत्तर फीसदी पैसा विज्ञापन के ज़रिये खर्च करती है। यह कंपनियों के लिए ज़रूरी है वरना आम लोगो को उत्पादों के बारे में पता कैसे चलेगा। अगर पता नहीं होगा तो जाहिर सी बात है ज़्यादा लोग उसका उपयोग नहीं करेंगे।
विज्ञापन को बेहतर और लोकप्रिय बनाने के लिए प्रसिद्ध फिल्म स्टार और जाने माने चेहरों का इस्तेमाल किया जाता है। इसका कारण है कि आम जनता उन सितारों को अपना रोल मॉडल मानती है और उन पर विश्वास करती है। इसी का फायदा कंपनियां उठाती है और अपने प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों के वीडियोस और तस्वीरों में उन्हें शामिल करती है। जिसे देखकर अधिकतर लोग प्रभावित हो जाते है। हमे विदेशो के विभिन्न वस्तुओं के लोकप्रिय ब्रांडो के बारें में भी मालूम है। यह सब विज्ञापन की वजह से संभव हो पाया है।
एक दौर था जब लोग वस्तु की गुणवत्ता के परख कर उसे खरीदते थे। मगर आज के चमक दमक के युग में हर कोई अपने उत्पादों को अधिक से अधिक बेचने तथा मुनाफा कमाने के चक्कर में विज्ञापनों पर आश्रित हो गये हैं।
आज इतना निश्चित है जिस कम्पनी अथवा उत्पाद का विज्ञापन खर्च जितना अधिक होगा तथा बड़ी से बड़ी सेलिब्रेटी से इसका प्रसार प्रचार करवा दिया तो मानों वह हिट है।
थम्स अप, कोका कोला, कालगेट, विभिन्न तरफ के साबुन और अपमार्जक यहाँ तक की केसर सुगंध युक्त विमल पान मसाला भी बड़े लोगों के विज्ञापन से जन जन में लोकप्रिय हो चूका हैं।
ऐसा नहीं है कि विज्ञापन नुकसानदायक होते हैं, मगर आजकल सभी मानकों को तोडकर समाज को भ्रम में डालने एवं ग्राहकों के साथ खिलवाड़ करने वाले एड बेहद हानिकारक हैं।
समाज में नशे की प्रवृत्ति इतनी अधिक प्रचलित हैं, लोग गुटका, तम्बाकू आदि से अपना जीवन गंवा रहे हैं। वही चंद धन की खातिर आज पान मसालों को विज्ञापन के जरिये जन जन को उसका स्वाद लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
बड़ी बड़ी हस्तियाँ बिना वस्तु के गुण दोष जाने बस लाना ही लाना, इस दिवाली, इस होली इस तरह के विज्ञापनों की भरमार हैं। आज के डिजिटल युग में मोबाइल से टीवी और अखबार तक यह धंधा बड़े जोर से चल रहा हैं।
एक छोटे से विज्ञापन में अथाह क्षमता भी छिपी होती हैं। वह मामूली सी गुणवत्ता वाले उत्पाद को बेस्ट सेलर प्रोडक्ट भी बना सकता हैं। ‘ठंडा मतलब कोकाकोला’ हो या ‘सर उठा के जियो’ अथवा ‘कुछ मीठा हो जाए’ एमडीएस मसाले सच सच जैसे सैकड़ों स्लोगन आज हर जुबा पर बैठ से गये हैं।
मैगी, सॉस एंव साबुन-शैंपू, तेल, घी, मसाले जैसे उत्पादों के विज्ञापनों की रचनात्मकता तो देखते ही बनती हैं। अब तो बिसलेरी पानी की बोतल का प्रसार मानव नहीं रेगिस्तान का ऊंट कर रहा हैं
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