विज्ञापन लेखन वसुंधरा वर्सेस सतारा
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श्री दिलीप शइकीया (मंगलदोई): अध्यक्ष महोदय, मैं असम के सेंटिमेंट से जुड़ेहुए विषय के बारेमें बात करना चाहता हूं । असम में नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड भारत सरकार का पीएसयूस है ।यह शुरूआत से नुमालीगढ़ रिफाइनरी प्रोफिट मेकिंग के रूप में जाना जाता है । अभी सरकार ने एक सिद्धांत लिया है ।हम लोगों ने माननीय वित्त मंत्री जी का स्टेटमेंट पढ़ा, पेपर में भी छापा, नुमालीगढ़ रिफाइनरी को प्राइवेटाइजेशन की ओर लेकर जा रहे हैं ।
मैं भारत सरकार के सिद्धांत का सपोर्ट करताहूं और भारत की वित्त व्यवस्था को शक्तिशाली बनाने के लिए जो सरकार ने कदम उठाया है, उसका भी समर्थन करताहूं लेकिन जिस असम एकार्ड के बाद एनआरएल की स्थापना हुई, जिसमें 855 लोग शहीदहुए, यहआंदोलन छह साल तक विदेशी घुसपैठियों के लिए चला, उसके परिणामस्वरूप एनआरएल हुआ ।अभी असम के लोगों का सेंटीमेंट है, जो एनआरएल है, वह आगे आने वाले दिनों में पीएसयूज की तरह ही अपना कार्यभार संभाले, उसे प्राइवेटाइजेशन में लेकर न जाएं ।
यही मेरा मुद्दा है । बीपीसीएल के शेयर प्राइवेट लोगों के लिए ओपन करेंगे,ठीक है । मेरा यही निवेदन है कि आने वाले दिनों में एनआरएल को पीएसयू के नाते ही बरकरार रखें ।