विज्ञापन पर किया गया व्यय विनियोग है अपव्यय नही इस कथन की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिये
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Explanation:
आज के वातावरण एवं परिपेक्ष को देखते हुए सभी प्रकार के व्यवसायों मैं उनकी बाजारीकरण एवं उनका उचित प्रचार दो महत्वपूर्ण पहलू है।
जिसके लिए सबसे आवश्यक वस्तु विज्ञापन को माना जा सकता है।
किसी भी उत्पाद या वस्तु का उचित विज्ञापन उसके बाजार पर पढ़ने वाले भावी प्रभावों का उत्तरदाई होता है।
विज्ञापन को करने के कई प्रकार के साधन हो सकते हैं। जैसे कि टेलीविजन के माध्यम से, अखबारों के माध्यम से, इंटरनेट का प्रयोग करके इत्यादि।
विज्ञापन पर किया गया व्यय सर्वथा विनियोग का ही माध्यम होता है। किसी भी नए उत्पाद को जनता तक पहुंचाने का सबसे अच्छा माध्यम विज्ञापन को ही समझा जा सकता है। विज्ञापन के माध्यम से ही हम उसकी खूबियों के बारे में जनता को बता सकते हैं एवं बाजार को उस वस्तु को खरीदने के लिए आकर्षित किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए समझते हैं कि, हमने किसी साबुन का विज्ञापन करने पर कुछ धन व्यय किया। अगर हम वह नहीं करते तो वह साबुन जनता के मध्य में लोकप्रिय नहीं हो पाता, ना ही जनता को उसकी गुणवत्ताओं के बारे में पता चल पाता।
फलस्वरूप वह उत्पाद बाजार में अपनी पकड़ बनाने में असफल हो जाता। क्योंकि हमने उसका उचित विज्ञापन एवं मार्केटिंग की तो आज वह साबुन उसके विज्ञापन पर किए गए विनियोग से भी अधिक लाभ हमें उपलब्ध करा रहा है।
Answer:
हाँ मैं सहमत हूँ। संचार के माध्यम के रूप में विज्ञापन के निम्नलिखित गुण हैं:
(i) जन पहुंच: विज्ञापन एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से एक विशाल भौगोलिक क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचा जा सकता है। उदाहरण के लिए, एक राष्ट्रीय दैनिक में रखा गया एक विज्ञापन संदेश उसके लाखों ग्राहकों तक पहुंचता है।
(ii) ग्राहक संतुष्टि और विश्वास बढ़ाना: विज्ञापन संभावित खरीदारों के बीच विश्वास पैदा करता है क्योंकि वे उत्पाद की गुणवत्ता के बारे में अधिक सहज और आश्वस्त महसूस करते हैं और इसलिए अधिक संतुष्ट महसूस करते हैं।
(iii) अभिव्यंजना: कला, कंप्यूटर डिजाइन और ग्राफिक्स के विकास के साथ, विज्ञापन संचार के सबसे शक्तिशाली माध्यमों में से एक के रूप में विकसित हुआ है। बनाए जा सकने वाले विशेष प्रभावों के साथ, साधारण उत्पाद और संदेश भी बहुत आकर्षक लग सकते हैं।
(iv) अर्थव्यवस्था: यदि बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचना है तो विज्ञापन संचार का एक बहुत ही किफायती तरीका है। इसकी व्यापक पहुंच के कारण, विज्ञापन की कुल लागत स्थापित कई संचार लिंक में फैल जाती है। परिणामस्वरूप पहुंच की प्रति इकाई लागत कम आती है।
एक उपकरण के रूप में विज्ञापन के दुरुपयोग की कुछ संभावनाएं हो सकती हैं, जिसे कानून द्वारा या विज्ञापनदाताओं द्वारा उनके स्व-नियमन के लिए आचार संहिता विकसित करके उचित रूप से संरक्षित किया जा सकता है। हालांकि, विज्ञापन के खिलाफ अधिकांश आलोचना पूरी तरह सच नहीं है। वैश्वीकरण के बदलते आर्थिक परिवेश में विज्ञापन को विपणन का एक महत्वपूर्ण उपकरण माना जाता है। यह एक फर्म को अपने लक्षित बाजार के साथ प्रभावी ढंग से संचार करने, बिक्री बढ़ाने और उत्पादन की प्रति इकाई लागत को कम करने में मदद करता है। यह एक सामाजिक बर्बादी नहीं है, बल्कि यह उत्पादन को बढ़ावा देकर और रोजगार पैदा करके सामाजिक कारणों में मूल्य जोड़ता है।
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