विकासशील देशो की प्रमुल समस्या क्या
है। विस्तार में समझाईए|
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Explanation:
विकसित देशों की प्रमुख विशेषताएँ (लक्षण)
जिन राष्ट्रों ने प्राकृतिक संसाधनों तथा तकनीकी ज्ञान के बल पर पर्याप्त आर्थिक विकास कर लिया है, वे विकसित राष्ट्र कहलाते हैं; उदाहरणार्थ-ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान व जर्मनी। विकसित राष्ट्रों
की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1. उन्नत विज्ञान तथा तकनीकी द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग – प्राकृतिक संसाधन किसी भी राष्ट्र के आर्थिक विकास की आधारशिला होते हैं। पर्याप्त प्राकृतिक संसाधन राष्ट्र के आर्थिक विकास की कुंजी हैं। विकसित देश उन्नत विज्ञान तथा तकनीकी द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके आर्थिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होते हैं। जापान तथा इंग्लैण्ड ने बड़ी मात्रा में कच्चे माले का आयात करके मात्र विज्ञान एवं उन्नत तकनीकी का समुचित उपयोग करके तीव्रता से विकास किया है।
2. वृहत् स्तर पर औद्योगीकरण – सभी विकसित राष्ट्रों ने आर्थिक स्तर को प्राप्त करने की दृष्टि से बड़े पैमाने के उद्योगों की स्थापना विशाल स्तर पर कर ली है। ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, जर्मनी आदि देशों ने औद्योगीकरण की ओर विशेष ध्यान दिया है। इन देशों में लोहा-इस्पात उद्योग, रसायन उद्योग, इन्जीनियरिंग उद्योग, मोटरगाड़ी निर्माण उद्योग, पोत व वायुयान निर्माण उद्योग आदि का तीव्र गति से विकास हुआ है।
3. कृषि का यन्त्रीकरण – विकसित देशों ने उद्योगों के लिए कृषि से कच्चे माल प्राप्त करने हेतु कृषि में मशीनों का प्रयोग प्रारम्भ कर दिया है। बड़े पैमाने पर मशीनों से कृषि की जाती है। कृषि के यन्त्रीकरण ने विकसित देशों की प्रगति के द्वार खोल दिये हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, हॉलैण्ड आदि विकसित देशों में कृषि का यन्त्रीकरण हो चुका है। इन देशों में बड़े-बड़े फार्मों , में मशीनों की सहायता से विस्तृत, सघन खेती की जाती है तथा बड़े स्तर पर व्यापारिक कृषि की जाती है तथा कृषि उत्पादन के पर्याप्त भाग का निर्यात कर दिया जाता है।