वृक्ष ही हमारे जीवन दाते है essay please tell me the answer
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संवाद सूत्र, सरायकेला : वृक्ष हमारे जीवन का आधार हैं। वृक्ष के बगैर मानव जीवन का संसार में कोई अस्तित्व नहीं है। अगर हमें पर्यावरण को बचाना है तो अधिक से अधिक संख्या में पौधरोपण करना होगा तथा वृक्षों को कटने से रोकना होगा। उक्त बातें बुधवार को पर्यावरण दिवस के अवसर पर डीएफओ वी भास्करन ने कही। उन्होंने कहा कि एक वृक्ष दस पुत्र के समान होता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति का यह दायित्व बनता है कि वे अपने जीवन में अधिक से अधिक संख्या में पौधरोपण करे व किसी भी सूरत में वृक्षों को नुकसान न पहुंचाए। वृक्ष काटने का ही नतीजा है कि आज हमारे ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो हो सकता है कि आगामी 30 वर्षो में गंगा व यमुना जैसी नदियों का अस्तित्व भी संकट में आ सकता है।
इस अवसर पर चांडिल वन क्षेत्र के रेंजर चतुरानन त्रिपाठी ने कहा कि 70 के दशक में औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचा। इसी को देखते हुए स्टाक होम में पांच जून 1952 को पहला कांफ्रेंस हुआ। इसके बाद से ही पांच जून 1973 से विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा।
इसी क्रम में बुधवार को सीआरपीएफ 196 बटालियन के मुख्यालय साहेबगंज में भी पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधरोपण किया गया। जिसकी शुरुआत कमांडेंट रमेश कुमार पांडेय ने की। उन्होंने कहा कि हमें अधिक से अधिक पौधे लगाना व संरक्षित करना है। विकास की अंधी दौड़ में हमने पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाया है और यही क्रम जारी रहा तो हमारी आने वाली पीढि़यों के समक्ष संकट पैदा होगा, जिसके भी सूत्राधार भी हम ही होंगे। इस मौके पर कैंप में 20 आम, 20 कटहल, 20 सागौन, 20 अशोक, 20 शीशम तथा 50 नीम के पौधे लगाए गए। इस अवसर पर डिप्टी कमांडेंट देवनाथ सोनकर, जमील अहमद, धनंजय शुक्ला तथा शिक्षक मुरारी प्रसाद व काशीनाथ सिंह सहित अन्य लोग भी थे।
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