वृक्षारोपण का महत्व इस विषय पर निबंध लिखिए
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वृक्षारोपण के महत्व पर समय-समय पर जोर दिया गया है। पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण की वजह से वृक्षारोपण की आवश्यकता इन दिनों अधिक हो गई है। वृक्षारोपण से तात्पर्य वृक्षों के विकास के लिए पौधों को लगाना और हरियाली को फैलाना है। पर्यावरण के लिए वृक्षारोपण की प्रक्रिया महत्वपूर्ण क्यों है इसके कई कारण हैं।
वृक्षारोपण महत्वपूर्ण क्यों है इसके पीछे कई कारण हैं। मुख्य कारणों में से एक कारण यह है कि वृक्ष जीवन-प्रदान करने वाली ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जिसके बिना मानव जाति का अस्तित्व असंभव है।
पेड़ जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं
एक प्रसिद्ध कहावत इस प्रकार है, "कल्पना कीजिए कि अगर पेड़ वाईफाई सिग्नल देते तो हम कितने सारे पेड़ लगाते, शायद हम ग्रह को बचाते। बहुत दुख की बात है कि वे केवल ऑक्सीजन का सृजन करते हैं"। कितना दुखद है कि हम प्रौद्योगिकी के इतने आदी हो गए हैं कि हम अपने पर्यावरण पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की अनदेखी करते हैं। न केवल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल प्रकृति को नष्ट कर रहा है बल्कि यह हमें उससे अलग भी कर रहा है।
अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छे जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ने के अलावा पेड़ पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं जिससे वायु शुद्ध और ताज़ी बनती है। जितने हरे-भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे।
प्रदूषण का स्तर इन दिनों बहुत अधिक बढ़ रहा है। इससे लड़ने का एकमात्र तरीका अधिक से अधिक पेड़ लगाना है। उदाहरण के लिए पेड़ों से घिरे क्षेत्र, गांव और जंगल शुद्ध पर्यावरण को बढ़ावा देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये कम प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्र हैं। दूसरी ओर शहरी आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों में खराब प्रदूषण और कम पेड़ों की संख्या के कारण ख़राब गुणवत्ता की वायु है।
निष्कर्ष
वृक्षारोपण का महत्व इतना स्पष्ट है तब भी कुछ ही मुट्ठी भर लोग हैं जो वास्तव में इस गतिविधि में शामिल होने का प्रण लेते हैं। बाकी अपने जीवन में इतने तल्लीन हो चुके हैं कि वे यह नहीं समझते कि बिना पर्याप्त पेड़ों के हम लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे। यह सही समय है जब हमें वृक्षारोपण के महत्व को पहचानना चाहिए और उसकी ओर अपना योगदान देना चाहिए।
Explanation:
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वृक्षारोपण(plantation) का शाब्दिक अर्थ है, वृक्ष लगाकर उन्हें उगाना इसका प्रयोजन करना। प्रकृति के संतुलन को बनाए रखना, मानव के जीवन को सुखी, सम्रद्ध व संतुलित बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण का अपना विशेष महत्व है। मानव सभ्यता का उदय तथा इसका आरंभिक आश्रय भी प्रकृति अर्थात वन व्रक्ष ही रहे हैं ।मानव को प्रारम्भ से प्रकृति द्वारा जो कुछ प्राप्त होता रहा है ओर उसे निरन्तर प्राप्त करते रहने के लिए वृक्षारोपण अती आवश्यक है।
मानव सभ्यता के उदय के आरंभिक समय में वह वनों में वृक्षों पर या उनसे ढकी कन्दराओं में ही रहा करता था। वह (मानव)वृक्षों से प्राप्त फल-फूल आदि खाकर या उसकी डालियों को हथियार के रूप में प्रयोग करके पशुओं को मारकर अपना पेट भरा करता था। वृक्षों की छाल की वस्त्रों के रूप में प्रयोग करता था। यहाँ तक कि ग्रन्थ आदि लिखने के लिए जिस सामग्री का प्रयोग किया जाता था। वे भोज – पत्र अर्थात विशेष वृक्षों के पत्ते ही थे। वृक्ष वातावरण को शुद्ध व स्वच्छ बनाते है। इनकी जड़ें भूमि के कटाव को रोकती है। वृक्षों के पत्ते भूमि पर गिरकर सड़ जाते हैं। तथा ये मिट्टी में मिलकर खाद बन जाते है। और भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते है।
मानव सभ्यता के विकास के साथ जब मानव ने गुफाओं से बाहर निकलकर झोपड़ियों का निर्माण आरंभ किया तो उसमें भी वृक्षों की शाखाएं व पत्ते ही काम आने लगे आज भी जब कुर्सी, मेज, सोफा-सेट, रेक, आदि का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। यह भी मुख्यतः लकड़ी से ही बनाए जाते हैं। अनेक प्रकार के फल, फूल और औषधियों भी वृक्षों से ही प्राप्त होती है। वर्षा जिससे हमें जल व पेय जल प्राप्त होते हैं वह भी प्राय वृक्षों के अधिक होने पर ही निर्भर करती है। इसके विपरीत यदि हम वृक्ष -शून्य की स्थिति की कल्पना करें तो उस स्थिति में मानव तो क्या समुची जीव सृष्टि की दशा ही बिगड़ जाएगी। इस स्थिति से बचने के लिए वृक्षारोपण करना अत्यंत आवश्यक है।
आजकल नगरों तथा महानगरों में छोटे-बड़े उद्योग – धंधों की बाढ़ से आती जा रही है। इनसे धुआं, तरह-तरह के विषैली गैसें आदि निकलकर वायुमंडल में फेल कर हमारे पर्यावरण में भर जाती है। पेड़ पौधे इन विषैली गैसों को वायुमंडल में फैलने से रोक कर पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकते हैं। यदि हम चाहते हैं कि हमारी यह धरती प्रदूषण रहित रहे तथा इस पर निवास करने वाला मानव सुखी व स्वस्थ बना रहे तो हमें पेड़-पौधों की रक्षा तथा उनके नवरोपण की ओर ध्यान देना चाहिए।