वृक्षारोपण पर संवाद
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उनकी लकड़ियों और पत्तियों से अपने घर की छत बनाई । प्राचीन काल का साहित्य भी हमें ताड़-पत्रों पर सुरक्षित मिलता है । प्रकृति का सर्वश्रेष्ठ उपहार वन है । वनों की हरियाली के बिना मानव जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है । जन्म से लेकर मृत्यु तक इन वनों की लकड़ी ही उसके काम आती है ।
बचपन में लकड़ी के पालने में झूलना, बुढ़ापे में उसका सहारा लेकर चलना और जीवन लीला की समाप्ति पर इन्हीं लकड़ियों पर सोना मनुष्य की अन्तिम गति है । इन वृक्षों से हमें शुद्ध ऑक्सीजन मिलती है । घने वनों की हरियाली देखकर मन प्रफुल्लित हो उठता है ।
वृक्ष स्वयं धूप में रहकर हमें छाया देते हैं । जब तक हरे-भरे रहते हैं तब तक हमें फल, सब्जियां देते हैं और सूखने पर ईंधन के लिए लकड़ी देते हैं । इन्हीं वृक्षों की हरी पत्तियों और फलों को खाकर गाय, भैंस, बकरी आदि जानवर दूध देते हैं जिसमें हमें प्रोटीन मिलता है ।
इन्हीं वनों से पृथ्वी को बंजर होने से बचाया जाता है । वन भू-क्षरण और पवन स्खलन को रोकते हैं । अपनी हरियाली से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं और देश की प्रगति में आर्थिक सहयोग देते हैं । फूलों से मधुमक्खियां मकरंद लेकर शहद बनाती हैं जिससे आयुर्वेदिक दवाइयां बनती हैं और वह खाने में उपयोगी होता है ।
राम: अरे भाई शाम तुम आज यह खुरपी लेकर कहां जा रहे हो ?
श्याम: कुछ नहीं भाई आज हमारी सोसाइटी के लोग वृक्षारोपण दिवस मना रहे हैं ।
राम: वृक्षारोपण दिवस अर्थात ?
श्याम: वृक्षारोपण दिवस का मतलब है आज के दिन हमारी सोसाइटी के लोग अपने घर के सामने वृक्ष लगाएंगे इसी के साथ साथ हम लोग सड़क के बीच में बने डिवाइडर जिसमें मिट्टी उपलब्ध होती है मैं भी कुछ वृक्ष लगाएंगे ताकि वहां पर वाहनों से निकलने वाले धुएं को वृक्ष साफ कर सके और प्रदूषण कम हो।
राम: पर वृक्षारोपण की जरूरत क्या है ? हमारे क्षेत्र में तो वैसे ही इतनी जंगल है और इतने पेड़ है ।
श्याम: तुम बिल्कुल सही बोल रहे हो लेकिन जिस हिसाब से वृक्षों की कटाई की जा रही है हमारे जंगल बहुत जल्द ही खत्म होने वाले हैं । यदि हमने समय रहते वृक्षारोपण नहीं किया तो हमें प्रकृति के भयानक रूप और परिणाम देखने को मिल सकते हैं ।
राम: अच्छा !
श्याम: हां! हमने यही सोचा है कि आज हम एक एक वृक्ष अपने घर के सामने आरोपित करेंगे और उसके बाद उसका ख्याल रखेंगे ताकि वह शीघ्र ही बड़ा होकर हमारे वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड लेकर और हमें ऑक्सीजन गैस और हमारे वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने में हमारी सहायता करें ।
राम: विचार तो यह काफी नेक है तो मैं सोच रहा हूं क्यों ना मैं भी तुम लोगों के साथ मिलकर वृक्षारोपण में हिस्सा लू।
श्याम: तुम्हारा स्वागत है । तुम मेरे साथ चल सकते हो ।
राम: हां तो चलो