वृक्ष धरा के भूषण है पर निबंध
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वृक्ष धारा की आभूषण है। वृक्ष हमारी धरती के शान है यह है तो हम जीवित है | वृक्ष हम सब के जीने का सहारा है | यह पशु-पक्षियों का आवास है | वृक्ष हमारे वातावरण को साफ रखता है | वृक्ष से हमें ताज़ा साँस लेने को मिलती है | धरती पर जीवन प्रदान करने वाली ऑक्सीजन और पानी प्रदान करने वाला मुख्य साधन वृक्ष ही है। पेड़ हमें गर्मी से बचाते है |
हमें अपने लाभ के लिए इन्हें नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए |
हे मनुष्य सुखी और लम्बा जीवन चाहते हो ,
वृक्ष लगाओ और अपने धरती को बचाओ |
घुटन भरी जिंदगी से छुटकारा पाओ, पेड़ लगाओ,
हमने यह ठाना है, घर-घर पेड़ लगाना है |
पर्यावरण को बचाने के लिए हम सभी के सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
वृक्ष को बचाने के द्वारा अपने स्वस्थ पर्यावरण और हरी पृथ्वी को बचाने के लिये ये हम सभी के लिये बड़ा मौका है। अपने जीवन को बचाना है तो हमें एक साथ जुट हो के पर्यावरण को सुरक्षित करना है | आज कल कभी नहीं आएगा हम सब को मिल के अभी से पर्यावरण सुरक्षित करने के लिए सहयोग देना होगा| हमें वृक्षों को कटने बचाना होगा और बहुत सारी मात्रा में वृक्ष लगाने होंगे|
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वृक्ष इस धरा के आभूषण हैं। यह बात सत्य भी है। जैसे आभूषण विहिन स्त्री सुंदरता विहिन लगती है। उसी प्रकार पृथ्वी भी वृक्षों से रहित हो जाने पर कुरूप हो जाएगी। वृक्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हिंदू धर्मग्रंथों में इन्हें देवताओं की संज्ञा दी गई है। वृक्षों की पूजा तो हम सदियों से करते आ रहे हैं। यह हमारा पालन-पोषण करते हैं। यह हमारे जीवन का आवश्यक अंग है। वृक्ष के बिना हम भी अधिक समय तक अपने अस्तित्व को जिंदा नहीं रख सकते। यह हमारे लिए बहुपयोगी हैं। परन्तु हम यह सब जानते हुए भी अपने स्वार्थों के लिए इनकी अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। अपने घरों, खेतों और वस्तुओं के निर्माण संबंधी आवश्यकताओं के लिए हम इनकी बलि चढ़ा रहे हैं। जितनी तेज़ी से हम इनकी कटाई कर रहे हैं, उतनी तेज़ी से ही हम अपनी जड़ें भी काट रहे हैं। वृक्षों के कटाव के कारण आज भंयकर स्थिति उत्पन्न हो गई है। वायुमण्डल में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। यह प्रदूषण मनुष्य के लिए हानिकारक हो गया है। इस प्रदूषण के कारण वायुमण्डल का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ध्रूवों में स्थित बर्फ भी इसी कारण लगातार पिघल रही है। यह बर्फ जहाँ हमारी पीने की आवश्यकता को पूरा करती हैं। वहीं यदि यह पिघल जाए, तो समुद्रतल को बढ़ा सकती है, जिससे प्रलय की स्थिति बन सकती है। वृक्ष की जड़े गहराई तक जाकर मृदा को बाँधे रखती है, जिससे बरसात में मिट्टी बह नहीं पाती है। इन सब समस्याओं को देखते हुए वृक्षों की उपयोगिता पर हमारा ध्यान केंद्रित होता है। हमें चाहिए कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाएँ और अपनी पृथ्वी को बचाएँ तथा इसकी सुंदरता को दोबारा से परिपूर्ण कर दें।