वाख-चार पंक्तियों में लिखी गयी कश्मीर शैली की एक गाए जाने वाली रचना है।
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वाख चार पंक्तियों में लिखी जाने वाली कश्मीरी शैली की एक गाए जाने वाली रचना है। वाख कवयित्री ललद्यद की काव्य शैली मानी जाती है। ललद्यद कश्मीरी भाषा की लोकप्रिय संत कवयित्री थीं, जो वाख की रचनाओं के लिये प्रसिद्ध रही हैं। उनका जन्म 1320 ईस्वी के आसपास कश्मीर के पंपोर सिमपुरा नामक गाँव में हुआ था।
कवयित्री ललद्यद द्वारा रचित काव्य रचनाओं को ‘वाख’ कहा जाता है। ‘वाख’ कश्मीरी शैली में गाए जाने वाला गेय ‘छंद’ होता है, जिनमें 4 पंक्तियों के माध्यम से अपनी बात कही जाती है। कवयित्री ललद्यद ने अपने वाख में कठिन संस्कृत और फारसी शब्दों की जगह सरल भाषा का उपयोग किया है, जो आम जनमानस की समझ में आसानी से आ जाती है। इस कारण ललद्यद के वाख बेहद लोकप्रिय रहे हैं और कश्मीरी भाषा में उनके मुकाबले का कोई भी कवि नहीं हो पाया।
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