Hindi, asked by Krishnakant5569, 7 days ago

वामीरो के रुदन स्वरों को सुनकर उसकी माँ वहाँ पहुँची और दोनों को देखकर आग बबूला हो उठी। सारे गाँववालों की उपस्थिति में यह दृश्य उसे अपमानजनक लगा। इस बीच गाँव के कुछ लोग भी वहाँ पहुँच गए। वामीरों की माँ क्रोध में उफन उठी। उसने तताँरा को तरह-तरह से अपमानित किया। गाँव के लोग भी तताँरा के विरोध में आवाज़े उठाने लगे। यह तताँरा के लिए असहनीय था। वामीरो भी रोए जा रही थी। ततौरा भी गुस्से से भर उठा। उसे जहाँ विवाह की निषेध परंपरा पर क्षोभ था वहीं अपनी असहायता पर खीझ वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। उसे मालूम न था कि क्या कदम उठाना चाहिए। अनायास उसका हाथ तलवार की मूठ पर जा टिका क्रोध में तलवार निकाली और कुछ विचार करता रहा। क्रोध लगातार अग्नि की तरह बढ़ रहा था। लोग सहम उठे, एक सन्नाटा सा खिंच गया। जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसने शक्ति उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा। वह पसीने से नहीं उठा। सब घबराए हुए थे। वह तलवार को अपनी तरफ खींचते-खींचते दूर तक पहुँच गया। वह हॉफ रहा था। अचानक जहाँ तक लकीर खिंच गई थी, वहाँ एक दरार होने लगी। मानो धरती दो टुकड़ों में बॅटने लगी हो ।
प्रस्तुत गद्यांश में किस घटना का वर्णन है?
(क) वामीरो की त्यागमयी मृत्यु का (ख) निकोबार द्वीप के दो भागों में बॅटने का
(ग) तताँरा-वामीरों की प्रथम मुलाकात का
(घ) तताँरा के आत्मीय स्वभाव का

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Answered by bhatiamona
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प्रस्तुत गद्यांश में किस घटना का वर्णन है?

(क) वामीरो की त्यागमयी मृत्यु का  

(ख) निकोबार द्वीप के दो भागों में बॅटने का

(ग) तताँरा-वामीरों की प्रथम मुलाकात का

(घ) तताँरा के आत्मीय स्वभाव का

इसका सही जवाब है :

(ख) निकोबार द्वीप के दो भागों में बॅटने का

व्याख्या : तताँरा-वामीरो एक लोककथा  है | यह देश के उन द्वीपों की कथा है जो , लिटिल अंदमान और काम निकोबार सी जाने जाते है | यह दोनों द्वीप पहले एक हुआ करते थे | तताँरा-वामीरो के गांव  का रिवाज़ था , कि गाँववाले , गाँव के अंदर ही विहाव करेंगे , गाँव से बाहर नहीं |

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