Hindi, asked by vishesh837, 3 months ago

वे मुस्कराते फूल नही
जिनको आता हे मुरझाना
वे तारो के दीप नही
जिनको भाता है बुझ जाना
वे निमल के मेघ नहीं
जिनको है घुल जाने की चाह
वह अनंत ऋतुराज नहीं
जिसने देखी जाने की राह
1) इस कविता के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए।​

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Answered by isha6926
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answer: वे मुस्कराते फूल नही

जिनको आता हे मुरझाना

वे तारो के दीप नही

जिनको भाता है बुझ जाना

वे निमल के मेघ नहीं

जिनको है घुल जाने की चाह

वह अनंत ऋतुराज नहीं

जिसने देखी जाने की राह

1) इस कविता के लिए उपयुक्त शीर्षक महादेवी वर्मा जी है|

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