Hindi, asked by keerthisen89291, 11 months ago

विनम्रता मानव का श्नषठ आभूषण है

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Answered by shishir303
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                       विनम्रता मानव का श्रेष्ठ आभूषण है

विनम्रता मानव का श्रेष्ठ आभूषण है। विनम्रता हमारे दैनिक जीवन के व्यवहार का एक ऐसा मजबूत कवच है जिसको पहनकर हम किसी भी तरह की नकारात्मकता को अपने ऊपर हावी नहीं होने दे सकते हैं। विनम्रता अपनाने से मनुष्य के अंदर सद्गुणों का विकास होता है। विनम्र व्यक्ति शांत होते हैं अतः विनम्रता शांति का प्रतीक है। जो व्यक्ति स्वभाव से शांत होगा। वही विनम्र बन सकता है।

संसार में बड़े-बड़े जितने भी महापुरुष हुए हैं। उन्होंने अपने व्यवहार में विनम्रता को अपनाया तभी वो उच्च स्तर पर पहुंच पाए। अगर वह अपने स्वभाव में विनम्रता नहीं लाते तो शायद हम उनका नाम इतने आदर पूर्वक नहीं लेते। विनम्र व्यक्ति को सब पसंद करते हैं, गुस्सैल और अहंकारी व्यक्ति से सब दूर भागते हैं।

इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण भी हैं, जिन्होंने विनम्रता का परित्याग कर दिया। जिनमें अहंकार था और ये अहंकार उनके नाश का कारण बना। उदाहरण के लिए रावण, कंस, हिरण्यकश्यप, हिटलर आदि सब अहंकार के प्रतिनिधि थे। उन्होंने अपनी विनम्रता का त्याग कर दिया और अहंकार का दामन थाम लिया। जिसके कारण उनका नाश हुआ।

यदि कोई व्यक्ति प्रसिद्ध है, धनवान है, योग्य है, किसी विशेष क्षेत्र में सक्रिय है और उसके बाद विनम्र भी है तो कहना ही क्या। यह तो सोने पर सुहागा जैसी बात हो जाएगी। विनम्रता हमारे गुणों में चार चांद लगाती है। विनम्रता हमारे स्वभाव के लिए एक श्रंगार के समान है। जो हमारे स्वभाव और आचरण को निखार देती है। विनम्रता अहंकार का नाश करती है, और जहां अहंकार का नाश होता है वही ज्ञान की उत्पत्ति होती है। अतः लिए विनम्रता ज्ञान का द्वार है

Answered by 36dalmeidaroyce
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Answer:

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