विनय ही मनुष्य का आभूषण है। संस्कृत मे अनुवाद
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दक्षिण्यम् = उदारता संयम = इच्छाओं का दमन निर्भीकता = निडरता। अस्माकं = हमारी प्रतिष्ठा = सम्मान सदाचार-परायणात् = सदाचार का पालन करने लगे शिक्षरेन् = सीखें जननी = माता एतेषां = इनका। अनुकरणीयः = अनुकरण करना चाहिए। हिन्दी अनुवाद – विनय ही मनुष्य का आभूषण है।
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विनय ही मनुष्य का आभूषण है। संस्कृत मे अनुवाद।
विनय ही मनुष्य का आभूषण है।
संस्कृत : विनयं हिमनुष्याणानां भूषणं।
व्याख्या :
- विनय ही मनुष्य का आभूषण होता है क्योंकि विनयशील मनुष्य सबको प्रिय होते हैं। विनय से ही सदाचार उत्पन्न होता है और सदाचार के कारण मनुष्य के अंदर अन्य गुण विकसित होते हैं। जैसे धैर्य, उदारता, संयम, आत्मविश्वास और निर्भयता।
- इसी कारण विनय ही मनुष्य का आभूषण है। सदैव विनम्र बने रहने का प्रयत्न करना चाहिए।
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