विप्र जी ने शंकर पर कितना गेहूँ बाकी बताया?
(i) पाँच सेर
(0 सवा सेर
(im साढ़े पाँच मन
(iv) पाँच मन
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विप्रजी विप्र से महाजन हुए, शंकर किसान से मजूर हो गया। ' 'सात वर्ष बीत गये, एक दिन शंकर मजूरी करके लौटा, तो राह में विप्रजी ने टोककर कहा, 'शंकर, कल आकर के अपने बीज-बेंग का हिसाब कर ले। तेरे यहाँ साढ़े पाँच मन गेहूँ कबके बाकी पड़े हुए हैं और तू देने का नाम नहीं लेता, हजम करने का मन है क्या ?
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