विपरीत समय के सखा - धीरज, धर्म, विवेक' विषय पर अनुच्छेद लिखिए
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तुलसी असमय के सखा धीरज, धर्म, विवेक!" अर्थात् बुरा समय आने पर मनुष्य का अपना धीरज, अपना मानवीय धर्म और कर्तव्य,अपना विवेक ही सच्चे मित्र का काम किया करते हैं। ... जो असमय या बुरा वक्त, दुख-पीड़ा आदि आ पड़े हैं, उनके कारण अपने आपको अपनी मनुष्यता से किसी भी तरह जरा-सा भी विचलित न होने देना ही वास्तवमें धीरज है।
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byy bhai aap ne jo answer diya hai use page pe kr ke bhej do.plsss bhai
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