Hindi, asked by gguvalaramudu, 8 months ago

.विराम चिह्न के बारे में विस्तार रूप से लिखो।

Answers

Answered by patelia2724
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Answer:

stop any sentance

Explanation:

when one sentence stated they are continually work. but we can not understand proper meaning of sentence. so we are divide sentence in small part. arrangement of this sentence we used full stop and end of the matters. then start new thing

Answered by Anonymous
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Here is ur answer.

विराम चिन्ह की परिभाषा भेद और उदहारण-Viram Chinh In Hindi

विराम का अर्थ होता है विश्राम या रूकना। अथार्त वाक्य लिखते समय विराम को प्रकट करने के लिए लगाये जाने वाले चिन्ह को ही विराम चिन्ह कहते हैं।

वाक्य को लिखते अथवा बोलते समय बीच में कहीं थोड़ा-बहुत रुकना पड़ता है जिससे भाषा स्पष्ट, अर्थवान हो जाती है। लिखित भाषा में इस ठहराव को दिखाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के चिह्नों का प्रयोग करते हैं जिन्हें विराम-चिह्न कहा जाता है।

उदहारण के लिए :

राम स्कूल जाता है।

मैंने खाना खा लिया है।

यदि विराम चिन्ह का वक्य में सही से प्रयोग न किया जाए तो वाक्य अर्थहीन और अस्पष्ट या फिर एक दूसरे के विपरीत हो जाता है।

उदहारण के लिए :

रोको, मत जाने दो। – अब यहाँ पर न जाने दो की बात हो रही है।

रोको मत, जाने दो। – और यहाँ पर जाने दो की बात हो रही है।

विराम चिन्ह के प्रकार -Types of Viram Chinh

विराम चिन्ह का नाम विराम चिन्ह

पूर्ण विराम ।

अल्प विराम ,

उप विराम :

अर्द्ध विराम ;

योजक चिन्ह –

कोष्ठक चिन्ह () {}[]

पदलोप चिन्ह …

रेखांकन चिन्ह _

लाघव चिन्ह ०

आदेश चिन्ह :-

विस्मयादिबोधक चिन्ह !

प्रश्नवाचक चिन्ह ?

अवतरण या उदहारणचिन्ह “…”

पुनरुक्ति सूचक चिन्ह ,,

दीर्घ उच्चारण चिन्ह S

तुल्यता सूचक चिन्ह =

विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्ह ^

निर्देशक चिन्ह ―

1. पूर्ण विराम-Full Stop (।) :

जब वाक्य खत्म हो जाता है तब वाक्य के अंत में पूर्ण विराम (।) लगाया जाता है।

2. अल्प विराम-Comma (,)

जहाँ थोड़ी सी देर रुकना पड़े, वहाँ अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं अथार्त एक से अधिक वस्तुओं को दर्शाने के लिए अल्प विराम चिन्ह (,) लगाया जाता है।

3. उप विराम-Colon (:) :

जब किसी शब्द को अलग दर्शाया जाता है तो वह पर उप विराम चिन्ह (:) लगाया जाता है अथार्त जहाँ पर किसी वस्तु या विषय के बारे में बताया जाए तो वहां पर उप विराम चिन्ह (:) का प्रयोग किया जाता है।

4. विस्मयादिबोधक चिन्ह-Interjection (!) :

विस्मयादिबोधक चिन्ह (!)का प्रयोग वाक्य में हर्ष, विवाद, विस्मय, घृणा, आश्रर्य, करुणा, भय इत्यादि का बोध कराने के लिए किया जाता है अथार्त इसका प्रयोग अव्यय शब्द से पहले किया जाता है।

5. अर्द्ध विराम-Semi Colon;

पूर्ण विराम से कुछ कम, अल्पविराम से अधिक देर तक रुकने के लिए ‘अर्ध विराम’ का प्रयोग किया जाता है अथार्त एक वाक्य या वाक्यांश के साथ दूसरे वाक्य या वाक्यांश का संबंध बताना हो तो वहाँ अर्द्ध विराम (;)का प्रयोग होता है।

उदाहरण :

सूर्यास्त हो गया; लालिमा का स्थान कालिमा ने ले लिया ।

कल रविवार है; छुट्टी का दिन है; आराम मिलेगा।

सूर्योदय हो गया; चिड़िया चहकने लगी और कमल खिल गए ।

6. प्रश्नवाचक चिन्ह-Question Mark (?) :

प्रश्नवाचक वाक्य के अंत में ‘प्रश्नसूचक चिन्ह’ (?) का प्रयोग किया जाता है अथार्त जब किसी वाक्य में सवाल पूछे जाने का भाव उत्पन्न हो तो उस वाक्य के अंत में प्रशनवाचक चिन्ह (?) का प्रयोग किया

7. योजक चिन्ह-Hyphen (–) :

दो शब्दों में परस्पर संबंध स्पष्ट करने के लिए तथा उन्हें जोड़कर लिखने के लिए योजक-चिह्न (–) का प्रयोग किया जाता है।

8. कोष्ठक चिन्ह-Bracket () :

वाक्य के बीच में आए शब्दों अथवा पदों का अर्थ स्पष्ट करने के लिए कोष्ठक का प्रयोग किया जाता है अथार्त कोष्ठक चिन्ह () का प्रयोग अर्थ को और अधिक स्पस्ट करने के लिए शब्द अथवा वाक्यांश को कोष्ठक के अन्दर लिखकर किया जाता है।

धर्मराज (युधिष्ठिर) सत्य और धर्म के संरक्षक थे।

9. पदलोप चिन्ह-Omission (…) :

जब वाक्य या अनुच्छेद में कुछ अंश छोड़ कर लिखना हो तो लोप चिह्न (…) का प्रयोग किया जाता है।

10. अवतरण या उदहारणचिन्ह-Inverted Comma ( “…” ) :

किसी की कही हुई बात को उसी तरह प्रकट करने के लिए अवतरण चिह्न (”…”) का प्रयोग किया जाता है।

किसी भी वाक्य में महत्त्वपूर्ण शब्द, पद, वाक्य को रेखांकित करने के लिए रेखांकन चिन्ह (_)का प्रयोग किया जाता है।

उदहारण :

हरियाणा और उत्तर प्रदेश को यमुना नदी प्रथक करती है।

गोदान उपन्यास, प्रेमचंद द्वारा लिखित सर्वश्रेष्ठ कृति है।

कृष्ण ने बरगद के पेड़ के निचे उपदेश दिया था।

12. लाघव चिन्ह-Abbreviation Sign (०) :

किसी बड़े तथा प्रसिद्ध शब्द को संक्षेप में लिखने के लिए उस शब्द का पहला अक्षर लिखकर उसके आगे शून्य (०) लगा देते हैं। यह शून्य ही लाघव-चिह्न कहलाता है।

13. विवरण चिन्ह-Sign of Following ( :- ) :

विवरण चिन्ह (:-)का प्रयोग वाक्यांश के विषयों में कुछ सूचक निर्देश आदि देने के लिए किया जाता है।

उदहारण :

आम के निम्न फायदे है:-

संज्ञा के तीन मुख्य भेद होते हैं:-

वचन के दो भेद है:-

14. विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्ह-Oblivion Sign (^) :

विस्मरण चिन्ह (^) का प्रयोग लिखते समय किसी शब्द को भूल जाने पर किया जाता है।

15. पुनरुक्ति सूचक चिन्ह-Repeat Pointer Symbol (,,) :

पुनरुक्ति सूचक चिन्ह (,,) का प्रयोग ऊपर लिखे किसी वाक्य के अंश को दोबारा लिखने से बचने के लिए किया जाता है।

16. दीर्घ उच्चारण चिन्ह- (S) :

जब वाक्य में किसी विशेष शब्द के उच्चारण में अन्य शब्दों की अपेक्षा अधिक समय लगता है तो वहां पर दीर्घ उच्चारण चिन्ह (S) का प्रयोग किया जाता है।

17. तुल्यता सूचक चिन्ह-Equivalence indicator symbol (=) :

वाक्य में दो शब्दों की तुलना या बराबरी करने में तुल्यता सूचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

18. निर्देशक चिन्ह-Dash (―) :

निर्देशक चिन्ह (―)का प्रयोग विषय, विवाद, सम्बन्धी, प्रत्येक शीर्षक के आगे, उदाहरण के पश्चात, कथोपकथन के नाम के आगे किया जाता है।

Hope this will help you.

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