Hindi, asked by sakshamkr208, 5 months ago


वीर रस की एक कविता भेजें।​

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Answered by sakshi193452
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कब बाधाये रोक सकी है हम आज़ादी के परवानो की

हमको कब बाधाये रोक सकी है

हम आज़ादी के परवानो की

न तूफ़ान भी रोक सका

हम लड़ कर जीने वालो को

हम गिरेंगे, फिर उठ कर लड़ेंगे

ज़ख्मो को खाए सीने पर

कब दीवारे भी रोक सकी है

शमा में जलने वाले परवानो को

गौर ज़रा से सुन ले दुश्मन

परिवर्तन एक दिन हम लायेंगे

ये हमले, थप्पड़ जूतों से

हमको पथ से न भटका पाएंगे

ये ओछी, छोटी हरकत करके

हमारी हिम्मत तुम और बढ़ाते हो

विनाश काले विपरीत बुद्धी

कहावत तुम चरितार्थ कर जाते हो

जब लहर उठेगी जनता में

तुम लोग कभी न बच पाओगे

देख रूप रौद्र तुम जनता का

तुम भ्रष्ट सब नतमस्तक हो जाओगे

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