‘विराटा की पद्मिनी’ उपन्यास की संवाद योजना पर सोदाहरण टिप्पणी कीजिए।
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पाठ :- विराटा की पद्मिनी
लेखक :- वृंदावनलाल वर्मा
संवाद योजना
' विराटा की पद्मिनी ' हिंदी भाषा में लिखा
हुआ है । जहां लेखक ने आंचलिक ( अर्थात्
उस जगह : बुंदेलखंड के ) भाषा का प्रयोग
किया है।
लेखक ने इसमें ' बुंदेलखंड की बोली '
अर्थात् ' बुंदेली ' का बहुत सुंदर और
मनमोहक पुट डाला है ।
पात्रो ने शुद्ध बुंदेली भाषा का प्रयोग किया
है। उनके संवादों में बुन्देली शब्द जैसे - गुहार ,
धुमरी आदि।
लेखक ने विभिन्न अलंकारों ( जैसे - रूपक,
उपमा आदि ) का भी प्रयोग किया है ।
इसमें पात्रों के बीच बहुत संवाद होता है ।
संवादों के वजह से , पात्रों की विशेषता बेखुब
ढंग से उजागर हुआ है ।
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यही उत्तर है मेरे रे दोस्त
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