Hindi, asked by virajraje96, 2 months ago

'विरोधी स्थितियो में निराश नहीं होना चाहिए' इस विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों
में लिखिए​

Answers

Answered by ankita784938
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Explanation:

मनुष्य अपने मानसिक बल के आधार पर बहुत से असंभव कामों को भी संभव कर सकता है। जब पुरुष के पुरुषत्व भाव को व्यक्त करना होता है तब नर शब्द को प्रयोग में लाया जाता है। मनुष्य जो भी कामों और उद्योग में उन्नति करने की कोशिश करता है वो सब उसके मन के बल पर ही निर्भर करता है। अगर मनुष्य का मन क्रियाशील नहीं रहता है तो उसका मन मर जाता है।

‘नर हो, न निराश करो मन’ को पंक्ति में उसके अर्थ और भाव-विस्तार का विवेचन करते हैं तो मानव जीवन के जो पक्ष होते हैं वे अपने आप ही उजागर हो जाते हैं। जब किसी व्यक्ति का मन मर जाता है तो उसके लिए सभी आकर्षण तुच्छ और अर्थरहित हो जाते हैं। जब तक मनुष्य का मन मरता नहीं है तब तक वह कुछ भी कर सकता है लेकिन जब व्यक्ति का मन मर जाता है तो व्यक्ति भी हार जाता है।

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