Hindi, asked by singhaditya552007, 4 months ago

वीरता की अभिव्यक्ति अनेक प्रकार से होती है | लड़ना- मरना, खून बहाना, तलवार के सामने झुकना ही नहीं कर्ण की भाँति याचक को खाली हाथ न लौटाना या बुद्ध की तरह गूढ़ तत्वों की खोज में सांसारिक सुख त्याग देना भी वीरता ही है | वीरता तो एक अंत:प्रेरणा है | वीरता देश-काल के अनुसार संसार में जब भी प्रकट हुई है, तभी अपना एक नया रूप लेकर आई और लोगों को चकित कर गई | वीर कारखानों में नहीं ढलते, न खेतों में उगाए जाते हैं, यह तो देवदार के वृक्ष के समान जीवन रूपी वन में स्वयं उगते हैं, बिना किसी के पानी दिए, बिना किसी के दूध पिलाए बढ़ते हैं | वीर का दिल सबका दिल और उसके विचार सबके विचार हो जाते हैं | उसके संकल्प सबके संकल्प हो जाते हैं | औरतों और समाज का हृदय वीर के हृदय में धड़कता है |
उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक दीजिए – *

2 points

वीरता

वीरों का उद्भव

वीरता का महल

कोई नहीं

Answers

Answered by ashishrawat08
3

Answer:

वीरता is the right answer

Explanation:

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Answered by franktheruler
0

दिए गए गद्यांश का उचित शीर्षक होगा

" वीरता "

विकल्प (1 )

  • वीरता का अर्थ है साहस। दिए गए गद्यांश में वीरता के अनेक रूप बताए गए है। वीरता केवल युद्ध के मैदान में नहीं दिखाई जाती। कर्ण की तरह महान दानी जो किसी याचक को अपने द्वार से ख़ाली हाथ नहीं भेजता था, वीर था।
  • लेखक के अनुसार वीरता का अर्थ लड़ने मरने व खून बहाने तक सीमित नहीं है। संसार के सारे सुखों को त्याग कर जो भगवान बुद्ध की तरह गूढ़ तत्वों की खोज में निकलते है वे भी वीर ही है।
  • वीरता कहीं से प्राप्त नहीं की जा सकती । वह व्यक्ति के अंदर स्वयं ही प्रकट होती है। वीर न तो कारखानों ने निर्मित किए जाते है न ही खेतों ने उगाए जाते है।
  • वीर सबके आदर्श होते है वे जो कार्य करते है वह कार्य महान हो जाता है, सभी उनका अनुसरण करते है।

#SPJ 3

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