वास्तु कला का अनुप्रस्थ टोडा निर्माण सिद्धांत चापाकार का सिद्धांत से किस तरह भिन्न है
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वास्तुकला का 'अनुप्रस्थ टोडा निर्माण' सिद्धांत 'चापाकार' सिद्धांत से किस तरह भिन्न है? उत्तर अनुप्रस्थ टोडा निर्माण – सातवीं और दसवीं शताब्दी के मध्य वास्तुकार भवनों में और अधिक कमरे, दरवाजे और खिड़कियाँ बनाने लगे। ... चापाकार सिद्धांत – दरवाज़ों और खिड़कियों के ऊपर की अधिरचना का भार कभी-कभी मेहराबों पर डाल दिया जाता था।
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