वैश्वीकरण के लिए अपरिहार्य कारक किसे माना जाता है
Answers
वैश्वीकरण के लिए अपरिहार्य कारक किसे माना जाता है?
► वैश्वीकरण के लिए सबसे अपरिहार्य कारक प्रौद्योगिकी यानी तकनीक को माना जाता है। आज वैश्विक क्रांति के इस युग में टेलीग्राफ, टेलीफोन, टेलीविजन, मोबाइल, इंटरनेट आदि जैसे तकनीकी अविष्कारों ने पूरे संसार को एक वैश्विक गांव में बदल कर रख दिया है। प्रौद्योगिकी कारण वैश्वीकरण की संकल्पना मूर्तरूप ले रही है। यह संचार क्रांति ही थी कि जिसके कारण यह विश्व सिमट कर रह गया और देशों के बीच दूरियां कम हुईं।
जब तकनीकी रूप से इतना विकास नहीं हुआ था तो एक दूसरे से संपर्क करने के साधन भी इतने विकसित नहीं थे और वैश्विक दूरियां बनी हुई थी। जैसे-जैसे टेलीफोन, टेलीविजन, टेलीग्राफ, इंटरनेट, मोबाइल आदि जैसी तकनीकी आती रही विश्व के सभी देश एक दूसरे निकट आने लगे और विश्व एक वैश्विक गांव में तब्दील होने लगा।
उदाहरण के लिए भारत में स्थित एक कॉल सेंटर है, जो अमेरिका के ग्राहकों के लिये काम करता है। भारत का मोहन रोज रात को कॉल सेंटर में अपनी ड्यूटी देने जाता है, लेकिन वहां पर जाकर वह मोहन से पीटर बन जाता है, क्योंकि उसके ग्राहक सुदूर अमेरिका में हैं। उसके रात में काम करने की वजह यह है कि उस समय अमेरिका में दिन है। वह भारत में रहकर हजारों किलोमीटर दूर अमेरिका इन ग्राहकों को अपनी सेवा प्रदान कर पा रहा है, तो ये सब प्रौद्योगिकी के कारण ही संभव हो पाया है।
आज सोशल मीडिया के माध्यम से लोग हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी एक-दूसरे से जुड़े हुये हैं। वीडियों कॉलिंग जैसे तकनीक उपायों से भारत में रहकर भी अमेरिका में रहने वाले अपने प्रियजन से यूँ बात कर लेते हैं, जैसे आमने-सामने बात कर रहे हों। ये सब प्रौद्योगिकी के कारण ही संभव हो पाया है। अगर प्रौद्योगिकी इतनी विकसित न हुई होती तो वैश्वीकरण की प्रक्रिया भी न हो रही होती। इसलिये वैश्वीकरण का सबसे अपरिर्हाय कारण प्रौद्योगिकी ही है।
☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼