विश्व पुस्तक मेला पर प्रतिवेदन 25 से 50 शब्दों में
Chetanß:
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विश्व पुस्तक मेला पर निबंध
पुस्तकें अनमोल हैं । वे हमारी सबसे अच्छी मित्र हैं क्योंकि वे ज्ञान-विज्ञान की भंडार हैं । व्यक्ति आते हैं और चले जाते हैं परन्तु उनके श्रेष्ठ विचार, ज्ञान, उपदेश, संस्कृति, सभ्यता, मानवीय मूल्य पुस्तकों के रूप में जीवित रहते हैं । उनका विनाश नहीं होता ।
नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित किये गये विश्व पुस्तक मेला विश्व राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। यह आयोजन न केवल पुस्तकों का देश में लगने वाला सबसे बड़ा मेला है अपितु सर्वाधिक समृद्ध भी है। देश विदेश से सैंकड़ों प्रकाशन संस्थान, लेखक तथा पाठक यहाँ जुटते हैं तथा देशी-विदेशी भाषाओं की अनगिनत पुस्तकों का एक ही स्थान पर समागम देखा जा सकता है। पुस्तकों के विषय भी विविध हैं तथा प्रकाशकों की सूची भी इतनी लम्बी है कि प्रगति मैदान मे आयोजित इस मेले क़ो अनेक हॉलों तथा स्टॉलों में विभाजित कर दिया गया है। यहाँ जुटने वाले पुस्तक प्रेमियों कि सुविधा के लिये सभी हॉलों के सामने प्रकाशकों के विवरण प्रदान किये गये हैं। मेले और उत्सवों का मुख्य उद्देश्य ही मिलना मिलाना तथा परिचय करना और कराना होता है। देश भर के अनेकों बुद्धिजीवी इस अवसर पर एक साथ एकत्रित होते हैं, अत: पाठक लेखक संवाद को सहजता से यहाँ स्थापित देखा जाता है।
Aurthor-Chetan Srishti
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