विश्वेश्वरैया ने अपनी कामयाबी का एक और झंडा कहाँ गाड़ दिया और कौन-कौन-से उपकरण तैयार किए?
Answers
विश्वेश्वरैया ने अपनी कामयाबी का एक और झंडा हैदराबाद शहर के लिए बाढ़-नियंत्रण संयंत्र का निर्माण करके गाड़ दिया। इसके अलावा उन्होंने विशाखापट्टनम के बंदरगाह के लिए एक उपकरण तैयार किया। यह उपकरण समुद्री जल से बंदरगाह को होने वाले नुकसान से बचाने का काम करता था। उनके कार्य का ही कमाल था कि एशिया के सबसे बड़े बाँध कृष्णराज सागर का निर्माण हुआ।
विश्वेश्वरैया ने अपनी प्रतिभा और परिश्रम से पठारी इलाकों में सिंचाई की व्यवस्था की। इससे इन क्षेत्रों में अच्छी फ़सल उगने लगी। विश्वेश्वरैया ने १९०३ में एक ऐसे स्वचालित संयंत्र का निर्माण किया, जो बाँधों से अतिरिक्त पानी को अपने आप सही स्थान तक भेज सकता था। इससे बाँध के टूटने का खतरा टल जाता और अतिरिक्त पानी का भी सदुपयोग होता था।
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पश्न:-विश्वेश्वरैया ने अपनी कामयाबी का एक और झंडा कहाँ गाड़ दिया और कौन-कौन-से उपकरण तैयार किए?
उत्तर: विश्वेश्वरैया ने अपनी कामयाबी का एक और झंडा हैदराबाद शहर के लिए बाढ़-नियंत्रण संयंत्र का निर्माण करके गाड़ दिया। इसके अलावा उन्होंने विशाखापट्टनम के बंदरगाह के लिए एक उपकरण तैयार किया। यह उपकरण समुद्री जल से बंदरगाह को होने वाले नुकसान से बचाने का काम करता था। उनके कार्य का ही कमाल था कि एशिया के सबसे बड़े बाँध कृष्णराज सागर का निर्माण हुआ।