विषय
हिन्दी
कक्षा-6
नोट - सभी प्रष्न करना अनिवार्य है ।
प्र.01 निम्नलिखित पंद्यास का संर्दभ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
क) गिरता न कभी चेतक तन पर राणा प्रताप का कोड़ा था।
वह दौड़ रहा अरि मस्तक पर या आसमान पर घोड़ा था ।।
ख) सुला मौत की नींद तू करती है क्यो दर्प
जहर वुझी जिह्वा रखे कहलाती है सर्प
कहलाती है सर्प रक्त
रंजित है काया
क्या तूने बन कवच किसी को कभी बचाया ।।
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- गिरता न कभी चेतक तन पर, राणा प्रताप का कोड़ा था। वह दौड़ रहा अरि-मस्तक पर, या आसमान पर घोड़ा था।
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