विटामिन A व C हमारे लिए आवश्यक क्यों है? उनके महत्वपूर्ण स्रोत दीजिए।
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पोषक ए आंखों से देखने के लिए अत्यंत आवश्यक होता है। साथ ही यह बीमारी से बचने के काम आता है। यह पोषक शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि त्वचा, बाल, नाखून, ग्रन्थि, दांत, मसूडा और हड्डी। सबसे महत्वपूर्ण स्थिती जो कि सिर्फ पोषक ए के अभाव में होता है, वह है अंधेरे में कम दिखाई देना, जिसे रतौंधी भी कहते हैं। इसके साथ आंखों में आंसू के कमी से आंख सूख जाते हैं और उसमें घाव भी हो सकता है। बच्चों में पोषक ए के अभाव में विकास की गति धीमि हो जाती है, जिससे कि उनके कद पर असर कर सकता है। त्वचा और बालों में भी सूखापन हो जाता है और उनमें से चमक चला जाता है। संक्रमित बीमारी होने का संभावना बढ जाता है।
विटामिन सी या एल-एस्कॉर्बिक अम्ल मानव एवं विभिन्न अन्य पशु प्रजातियों के लिये अत्यंत आवश्यक पोषक तत्त्व है। ये विटामिन रूप में कार्य करता है। कई प्रकार की उपापचयी अभिक्रियाओं हेतु एस्कॉर्बेट (एस्कॉर्बिक अम्ल का एक आयन) सभी पादपों व पशुओं में आवश्यक होता है। ये लगभग सभी जीवों द्वारा आंतरिक प्रणाली द्वारा निर्मित किया जाता है (सिवाय कुछ विशेष प्रजातियों के) जिनमें स्तनपायी समूह जैसे चमगादड़, एक या दो प्रधान प्राइमेट सबऑर्डर, ऐन्थ्रोपोएडिया (वानर, वनमानुष एवं मानव) आते हैं। इसका निर्माण गिनी शूकर एवं पक्षियों एवं मछलियों की कुछ प्रजातियों में नहीं होता है। जो भी प्रजातियां इसका निर्माण आंतरिक रूप से नहीं कर पातीं, उन्हें ये आहार रूप में वांछित होता है। इस विटामिन की कमी से मानवों में स्कर्वी नामक रोग हो जाता है।[1][2][3][4] इसे व्यापक रूप से खाद्य पूर्क रूप में प्रयोग किया जाता है।[5]
विटामिन A व C हमारे लिए अत्यधिक आवश्यक हैं क्योंकि ;
• (1) विटामिन-A :-
• कार्य :- एपिथिलियल उत्तक का अनुरक्षण विटामिन-A का महत्वपूर्ण कार्य है|
• विटामिन-A वृद्धि के लिए अनिवार्य होता है, अन्य सैयोगी उत्तको के लिए अत्यधिक अनिवार्य होता है|
• विटामिन-A संक्रमण को रोकता है|
• विटामिन-A सामान्य दृष्टि तथा नैन रक्षा मे सहायक है|
• विटामिन A की कमी से जीरोफ्थैल्मिया तथा रतौंधी हो जाते हैं, अत: इसका प्रयोग हमारे लिए आवश्यक होता है।
• स्त्रोत :- मछली का तेल, मक्ख़न, सम्पूर्ण दूध तथा अंडपीतक आदि|
• (2) विटामिन- C :-
• कार्य :- यह लाल मणिकाओ के उत्पादन तथा परिवर्तन मे भाग लेता है|
•यह उन अभिक्रियाओं मे भाग लेता है जिनकी जाला स्वरुप DNA संश्लेषण के लिए आवश्यक तुरींस का संश्लेषण होता है|
• स्त्रोत :- निम्बू, संतरा, मौसमी, आवला, टमाटर, बेर, हरी मिर्च आदि|