"वात्सल्य रस' से परिपूर्ण 8 पंक्तियों की कविता लिखिए।
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Explanation:
मां न होती तो इस धरा का विस्तार न होता।
मां न होती तो सृष्टि का सरोकार न होता।
मां न होती तो स्नेह का आंचल न होता।
मां न होती तो वात्सल्य का बादल न होता।
मां न होती तो चलना कौन सिखाता।
मां न होती तो लपक गोदी कौन उठाता।
मां न होती तो न शिक्षा न संस्कार होते।
मां न होती तो जगत के व्यवहार न होते।
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