Hindi, asked by durgeshmalhotra93, 7 months ago

विदेशी होते हुए भी फादर हिंदी को राष्ट्रभाषा क्यों बनाना चाहते थे यदि आप उनके स्थान पर होते तो आप इस स्थिति में हिंदी के प्रचार प्रसार हेतु आप अपना क्या सहयोग देते तर्क सहित उत्तर दीजिए​

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Answered by komalbhaiyya
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Answer:

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा 1917 में भरुच (गुजरात) में सर्वप्रथम राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई थी। तत्पश्चात 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया तथा 1950 में संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के द्वारा हिन्दी को देवनागरी लिपि में राजभाषा का दर्जा दिया गया।

राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से 14 सितंबर को 'हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 से लेकर अनुच्छेद 351 तक राजभाषा संबंधी संवैधानिक प्रावधान किए गए। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राजभाषा विभाग का गठन किया गया। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राजभाषा विभाग का गठन किया गया। राष्ट्रपति के आदेश द्वारा 1960 में आयोग की स्थापना के बाद 1963 में राजभाषा अधिनियम पारित हुआ, तत्पश्चात 1968 में राजभाषा संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया।

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