विदेश में रहने वाले मित्र को ग्रीष्मावकाश में भारत के पर्वतीय स्थल के भ्रमण हेतु आमंत्रित करते हुए पत्र लिखिए।
Answers
A-2/75,
कावेरी अपार्टमेंट,
द्वारका, दिल्ली।
04 मार्च, 2019
प्रिय मोहित,
सादर नमस्ते। तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हारी कुशलता जानकर बड़ी खुशी हुई। मैं भी यहाँ सकुशल हूँ।
मित्र, यहाँ मई-जून के महीने में विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश हो जाता है। मैं चाहता हूँ कि इस ग्रीष्मावकाश में तुम भारत आ जाओ ताकि हम दोनों साथ-साथ छुट्टियाँ बिताएँ। यहाँ मैदानी भागों में गर्मी अधिक पड़ती है, इसलिए हम पर्वतीय स्थल के भ्रमण का कार्यक्रम बनाएँगे। मैंने सोचा है तुमको भारत के सीमावर्ती राज्य उत्तराखंड का भ्रमण कराऊँ। पर्वतीय स्थल होने के कारण यहाँ की जलवायु समशीतोष्ण रहती है। यहाँ देहरादून, ऋषिकेश, सहस्त्रधारा, लक्ष्मण झूला, मसूरी, बद्रीनाथ, केदारनाथ जैसे अनेक दर्शनीय स्थल हैं जो अपनी प्राकृतिक सुषमा से जन-मन हर लेते हैं। देहरादून स्थित गायत्री आश्रम में बैठकर शांति की अनुभूति होती है, तो कैंपटी फॉल से गिरते झरनों की धवल झाग बरबस मन को हर लेती है। मैंने तो इन्हें देख रखा है पर तुम्हारे साथ देखने का आनंद कुछ और ही होगा। अपने आने के कार्यक्रम के बारे में अवश्य अवगत कराना ताकि मैं आवश्यक तैयारी कर सकूँ।
अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना। शेष सब ठीक है।
पत्रोत्तर शीघ्र देना।
तुम्हारा अभिन्न मित्र,
राहुल